हिमाचल में बर्फबारी व बारिश न होने से बने सूखे जैसे हालात, किसान-बागवान की बढ़ी चिंता

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हिमाचल प्रदेश में इस साल बर्फबारी और बारिश की कमी के चलते सूखे जैसे हालात बन गए हैं, जिससे राज्य के किसान और बागवान बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं। जनवरी में 84% और फरवरी में अब तक 51% कम बारिश दर्ज की गई है, जिससे नकदी फसलों के साथ-साथ सेब की पैदावार पर भी खतरा मंडरा रहा है। बागवानों का कहना है कि उनकी साल भर की मेहनत पर मौसम की मार पड़ सकती है।

सेब उत्पादन पर संकट
हिमाचल प्रदेश संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि बर्फबारी और बारिश न होने से सेब की पैदावार पर सीधा असर पड़ रहा है। सर्दियों में नाममात्र की बर्फबारी होने के कारण पौधों की आवश्यक जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। बर्फबारी न होने से कीटों का नियंत्रण भी प्रभावित हो रहा है, जिससे फसल को और ज्यादा नुकसान हो सकता है। मौसम में आ रहे बदलाव के कारण पौधों की प्रकृति भी प्रभावित हो रही है। युवा बागवानों ने भी चिंता जाहिर की है कि बर्फबारी न होने से सेब के पौधों को आवश्यक नमी नहीं मिल रही, जिससे उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। यह लगातार तीसरा साल है जब हिमाचल में इस तरह के सूखे जैसे हालात पैदा हो रहे हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा के अनुसार, पोस्ट-मानसून के बाद अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में 41% कम बारिश दर्ज की गई, जबकि जनवरी में रिकॉर्ड न्यूनतम बारिश हुई। 1901 से अब तक जनवरी में यह नौवीं बार है जब बारिश में 84% की भारी गिरावट दर्ज की गई है। फरवरी में भी अब तक बारिश सामान्य से काफी कम हुई है और आगे भी ज्यादा संभावना नहीं है।

किसानों और सरकार के लिए चिंता का विषय

हिमाचल प्रदेश में बड़ी संख्या में किसान और बागवान खेती पर निर्भर हैं। अगर आने वाले समय में मौसम का सहयोग नहीं मिला, तो फसलों और सेब की पैदावार पर गंभीर असर पड़ सकता है। इससे किसानों की रोजी-रोटी पर खतरा मंडराने के साथ-साथ राज्य की आर्थिकी पर भी असर पड़ सकता है। यह स्थिति सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन सकती है।