हिमाचल प्रदेश सरकार ने पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी

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 हिमाचल प्रदेश सरकार ने पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. प्रदेश सरकार ने ड्राइवर-कंडक्टर के ओवरटाइम और रात्रि भत्ते के भुगतान के लिए 4.50 करोड रुपए की राशि जारी कर दी है. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने यह राशि जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम (Himachal Roadways Transport Corporation) के चालकों और परिचालकों को ओवरटाइम और रात्रि भत्ते के भुगतान के लिए 4.50 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले लगभग तीन सालों से एचआरटीसी के चालकों और परिचालकों को उनके भत्तों का भुगतान नहीं दिया गया था. वर्तमान प्रदेश सरकार ने यह राशि आवंटित कर अपने वायदों को पूरा करने की प्रतिबद्धता निभाई है.

एचआरटीसी अधिकारियों के साथ बैठक के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एचआरटीसी के विभिन्न कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों ने पिछले महीने उनसे मुलाकात के दौरान ओवर टाइम और रात्रि भत्ते के भुगतान पर चर्चा की थी. सरकार ने अब अपना वायदा निभाते हुए इन भत्तों के भुगतान के लिए राशि जारी कर दी है. उन्होंने कहा था कि वित्तीय चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के कल्याण के लिए अनेक महत्वाकांक्षी निर्णय लिए गए हैं.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में लगभग डेढ़ लाख कर्मचारियों को लाभान्वित करते हुए पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इसके अतिरिक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए तीन प्रतिशत महंगाई भत्ते की किश्त भी जारी की गई है. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही प्रदेश सरकार कर्मचारियों के कल्याण के दृष्टिगत हर संभव प्रयास कर

हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के ड्राइवर कंडक्टर को बीते 41 महीने से ओवर टाइम का भुगतान नहीं हुआ था. कर्मचारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार इसका भुगतान नहीं करेगी, तो प्रदेश भर में रात्रि बस सेवाएं बंद कर दी जाएंगी. सरकार ने जब मांगे नहीं मानी, तो कर्मचारियों ने आंदोलन की शुरुआत भी कर दी थी. हालांकि, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के बुलाए जाने के बाद ड्राइवर-कंडक्टर ने इस आंदोलन को टाल दिया. एचपी सरकार की ओर से जारी की गई इस राशि से हिमाचल पथ परिवहन निगम की सेवाओं पर मंडरा रहा खतरा फिलहाल के लिए खत्म हो गया है. हालांकि, हर महीने 69 करोड़ रुपए के नुकसान से जूझने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम के लिए आने वाली राह भी आसान नहीं रहने वाली है.