बुधवार को CITU और हिमाचल किसान सभा ने जिलाधीश कार्यालय सोलन में संयुक्त रूप से मजदूर–किसान प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन देशभर में चल रहे उस आंदोलन का हिस्सा है, जिसमें मजदूरों और किसानों के अधिकारों को बचाने की मांग की जा रही है।
प्रदर्शन का मुख्य मुद्दा केंद्र सरकार द्वारा 21 नवंबर 2025 को बिना किसी सलाह-मशविरे के चारों लेबर कोड्स लागू करना रहा। संगठनों का कहना है कि इन नए कोड्स से मजदूरों के न्यूनतम वेतन, रोजगार की सुरक्षा, काम के घंटे, यूनियन बनाने का अधिकार और सामाजिक सुरक्षा कमजोर हो जाएगी।
प्रदर्शन में मजदूर-किसान संगठनों ने राष्ट्रपति को भेजे जा रहे प्रतिवेदन की मांगों की भी जानकारी दी। इसमें किसानों को कानूनी MSP, पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली, निजीकरण पर रोक, किसानों की पूरी ऋणमाफी और सभी के लिए सामाजिक व खाद्य सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल हैं।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य माँग में मजदूरों के लिए ₹26,000 राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन, OPS , निजीकरण की रोक, किसानों को कानूनी MSP और सी2+50% फार्मूला लागू किया करना तथा कॉर्पोरेट-परस्त आर्थिक नीतियों का विरोध और राष्ट्रपति को संयुक्त प्रतिवेदन शामिल है