सोलन के न्यू कथेड़ में मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण कार्य बजट न मिलने के कारण बंद

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सोलन के न्यू कथेड़ में बन रहा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण कार्य बजट न मिलने के कारण बंद हो गया है। पैसा न मिलने की वजह से हॉस्पिटल का निर्माण कार्य कर रहे हैं ठेकेदार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में हॉस्पिटल का काम लटकता जा रहा है। यहां पर 90.33 करोड रुपए की लागत से मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण हो रहा है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताते रहे हैं, लेकिन अपने गृह क्षेत्र में ही अस्पताल के निर्माण के लिए बजट न मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल का बोझ कम करने के लिए न्यू कथेड़ में आधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल का निर्माण हो रहा है जिस पर 90.33 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसका निर्माण लोक निर्माण विभाग के अधीन हो रहा है। पहले किसके तौर पर करीब 30 करोड रुपए मिले थे जबकि इस पर इससे कहीं ज्यादा पैसा लग चुका है। यह अतिरिक्त पैसा ठेकेदार ने लगाया था, लेकिन अब उसके पैसे भी सरकार के पास फंस गए हैं। पैसे ना मिलने की वजह से ठेकेदार ने काम बंद करवा दिया है।

इस अस्पताल के निर्माण से मौजूदा सोलन क्षेत्रीय अस्पताल से मरीजों का भार कम होगा। क्षेत्रीय अस्पताल में सोलन के अलावा शिमला और सिरमौर जिला के मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां एक दिन की ओपीडी 1200 से 1500 तक रहती है। इतने मरीजों को संभालने करने के लिए यह अस्पताल छोटा पड़ रहा है। इस कारण न्यू कथेड़ में एचआरटीसी वर्कशॉप के साथ नए अस्पताल का निर्माण हो रहा है।

300 बेड की होनी है व्यवस्था
इस अस्पताल परिसर में 3 फेज इंटरकनेक्टिड करने की योजना है। जिसमें 300 बेड की व्यवस्था होगी। यहां पर प्रस्तावित क्षेत्रीय अस्पताल में 200 बेड होंगे जबकि 50 बेड का मातृ-शिशु अस्पताल और 50 बेड का ट्रॉमा सेंटर लेवल-3 भी इसी परिसर के साथ बनेगा। ट्राॅमा सेंटर बनने से नेशनल हाईवे पर होने वाली दुर्घटनाओं के घायलों को तुरंत इलाज की सुविधा मिलेगी जिससे बहुमूल्य जीवन को बचाने में मदद मिलेगी। अभी सोलन के एरिया में एक ट्रॉमा सेंटर न होने के कारण हाईवे पर होने वाली दुर्घटना के गंभीर घायलों को शिमला या चंडीगढ़ भेजा जाता है, लेकिन इसमें समय लग जाता है जिससे घायल की जान जाने का खतरा बना रहता है।

दो साल में तैयार करने का है टारगेट
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने इस हॉस्पिटल को तैयार करने के लिए दो साल का टारगेट दिया था, लेकिन काम बंद होने के कारण इसका निर्माण कार्य लटक गया है। उन्होंने बार-बार इसका निरीक्षण करने पर काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। हॉस्पिटल की साइट डवलपमेंट का काम पूरा होने के बाद अब भवन निर्माण का काम शुरू हो गया है। इसके साथ ही यहां पर हैलीपेड का निर्माण भी किया जाएगा ताकि इमरजैंसी में गंभीर मरीजों को तुरंत एयर लिफ्ट कर इलाज किया जा सके।