सभी शहरों का तापमान 5 से 12 डिग्री गिरा, खराब मौसम देख किसान बागवान परेशान…

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हिमाचल प्रदेश में बीते 2 दिन हुई भारी बारिश और ऊंचे इलाकों में बर्फबारी से बाद आज हल्की धूप खिली है। इस बीच मौसम विभाग ने कल से फिर बारिश व ओलावृष्टि होने का येलो अलर्ट दिया है। आज भी मैदानी इलाकों को छोड़कर प्रदेश के मध्यम व अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। प्रदेश में बीते 2 दिन से हो रही बारिश-बर्फबारी के बाद तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। स्टेट के सभी शहरों का तापमान नॉर्मल से 5 से 12 डिग्री तक नीचे गिर गया है। चंबा के अधिकतम तापमान में सबसे ज्यादा 11.9 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। यहां का अधिकतम तापमान 17.2 डिग्री तक लुढ़क गया है।

धर्मशाला का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री की कमी के साथ 14 डिग्री, शिमला का टेम्परेचर नॉर्मल से 5.7 डिग्री की कमी के साथ 12 डिग्री, ऊना का 7.4 डिग्री की कमी के साथ 22.6 डिग्री, मनाली का 8.2 डिग्री की कमी के साथ 11 डिग्री, सोलन का तापमान नॉर्मल से 6.5 डिग्री की कमी के साथ 19 डिग्री और कांगड़ा का अधिकतम तापमान नॉर्मल से 9.6 डिग्री की गिरावट के बाद 17.2 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। प्रदेश के अन्य शहरों का न्यूनतम और अधिकतम तापमान भी गिरा है। इससे खासकर ऊंचे पहाड़ों पर ठंड फिर से लौट आई है। तापमान का गिरना प्रदेश की फ्रूट इंडस्ट्री के लिए बिल्कुल भी अच्छा संकेत नहीं है। इससे सेब और दूसरों फलों की फ्लावरिंग व सेटिंग को नुकसान होगा। प्रदेश में अप्रैल महीने में भी बारिश का दौर कंटीन्यू रहने से गेहूं की फसल को भी नुकसान होने लगा है। जिन किसानों की गेहूं की फसल पककर तैयार हैं, उन्हें खराब मौसम के कारण ज्यादा डर सता रहा है, क्योंकि ज्यादा बारिश और तूफान के कारण कई क्षेत्रों में गेहूं की फसल खेतों में चादर की तरह बिछनी शुरू हो गई है। खेतों में जल भराव की वजह से गेहूं पर पीले रतुआ रोग का भी खतरा मंडराने लगा है। मौसम विभाग की मानें तो कल और परसों 2 दिन कई क्षेत्रों में बारिश और कुछ एक स्थानों पर ओलावृष्टि भी फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए किसानों-बागवानों को एंटी हेल नेट लगाने की सलाह दी गई। प्रदेश मे 6 अप्रैल तक मौसम खराब बना रहेगा