राजधानी शिमला में प्रॉपर्टी टैक्स नहीं देने वालों पर नगर निगम सख्त हो गया है। कई बार नोटिस देने के बाद भी हाउस टैक्स जमा न करने वाले 7 भवन मालिकों के बिजली-पानी के कनेक्शन काटने के निर्देश दिए गए हैं। शहर में 30 हजार भवन मालिक हैं, जिनसे नगर निगम टैक्स लेता है। इनमें से 1500 लोगों ने अभी तक टैक्स जमा नहीं कराया। इनमें भी 80 डिफॉल्टरों से 50 हजार से 1 लाख के बीच टैक्स वसूला जाएगा।
150 के करीब गार्बेज बिल नहीं देने वाले भी नगर निगम के रडार पर हैं, जिसमें अधिकतर होटलियर हैं। शहर में करीब 60 हजार लोग नगर निगम की डोर टू डोर गारबेज योजना से जुड़े हैं। इसमें भी करीब 5 हजार लोग ऐसे हैं, जो समय से बिल नहीं भर रहे। नगर निगम ने अभी 50 हजार से ज्यादा के टैक्स बकायादारों को नोटिस भेजे हैं। इसके बाद 20 से 30 हजार वाले डिफाल्टरों को भी अलर्ट किया जाएगा। बता दें कि MC शिमला को टैक्स से 21 करोड़ रुपए की सालाना आय होती है। अभी निगम को शहर में लगभग 650 करोड़ रुपए की टैक्स रिकवरी करनी है।
कंगाली से जूझ रहे नगर निगम को सरकार की ओर से भी टैक्स समेत अन्य बिलों की रिकवरी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने नगर निगम प्रशासन को आय बढ़ाने को कहा है। इसके लिए निगम प्रशासन रिकवरी बढ़ाने के काम में तेजी लाया है। नगर निगम कमिश्नर आशीष कोहली का कहना है कि इन डिफॉल्टरों को पहले नोटिस जारी करके 15 दिन का टाइम दिया गया था। जिसका कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। मजबूरन MC इनका बिजली-पानी का कनेक्शन काट रहा है। गार्बेज बिल न देने वालों को भी एक हफ्ते का टाइम दिया गया है। इसके बाद इन पर भी कार्रवाई होगी।