शिमला पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन, चिट्टा तस्करी में 24 सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार

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शिमला पुलिस के चल रहे मिशन क्लीन-भरोसा अभियान के तहत नशे के कारोबार पर सख्त कार्रवाई जारी है। इस अभियान के अंतर्गत पुलिस ने विभिन्न विभागों के 24 सरकारी कर्मचारियों को चिट्टा तस्करी और नशाखोरी में संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन सभी कर्मचारियों की सूची तैयार कर मुख्य सचिव को पत्र भेजकर उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की मांग उठाई है।सूची में न केवल हिमाचल पुलिस और पंजाब पुलिस के जवान, बल्कि डॉक्टर, बैंक प्रबंधक, पटवारी, फॉरेस्ट गार्ड, लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग और शिक्षा विभाग के कर्मचारी भी शामिल हैं। शिमला पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि नशे के कारोबार में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह सरकारी कर्मचारी ही क्यों न हो।

शिमला पुलिस ने इस अभियान के दौरान यह सुनिश्चित किया है कि नशे के कारोबार में लिप्त किसी भी व्यक्ति के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई हो। एसएसपी संजीव गांधी के निर्देशानुसार सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की गहन जांच के बाद 24 कर्मचारियों को चिट्टे के साथ पकड़ा गया। इसके बाद शिमला पुलिस प्रशासन ने उनकी सूची तैयार कर मुख्य सचिव को भेजी और सख्त विभागीय कार्रवाई की मांग की।

गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों में हिमाचल पुलिस के दो जवान जुगल किशोर और लक्ष्य, पंजाब पुलिस के अजय कुमार और देविंद्र कुमार, डॉक्टर सिद्धार्थ, तहसील कल्याण अधिकारी मुकुल चौहान, सिविल सप्लाई विभाग के यशवंत ठाकुर, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ सहायक त्रिलोक नेगी, यूको बैंक के सहायक प्रबंधक विनय गर्ग, कोआपरेटिव सोसाइटी के इंस्पेक्टर आदित्य शर्मा, जलशक्ति विभाग के बेलदार पुरषोत्तम, पटवारी विजय कुमार, जलशक्ति विभाग के पंप ऑपरेटर बृज मोहन, अध्यापक विजेंद्र सिंह रावत, फॉरेस्ट गार्ड प्रशांत राठौर और अनीश, बिजली विभाग के अजय कुमार, लैब तकनीशियन अमन कुमार, एचआरटीसी के चालक अनूप कुमार, मैकेनिक पवन कुमार, लोक निर्माण विभाग के राकेश कुमार आदि शामिल हैं।

शिमला पुलिस द्वारा तैयार की गई सूची को मुख्य सचिव को भेजते हुए साफ कहा गया है कि इन सभी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अनिवार्य है, ताकि अन्य कर्मचारियों के लिए यह एक मिसाल बने और भविष्य में कोई भी इस तरह के अपराध में शामिल न हो।

पुलिस का सख्त संदेश: नहीं बख्शे जाएंगे नशे के सौदागर
शिमला पुलिस के एसपी संजीव गांधी ने इस संबंध में स्पष्ट किया है कि पुलिस का उद्देश्य नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करना है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी व्यक्ति हो, अगर वह नशे के कारोबार या तस्करी में लिप्त पाया जाता है तो उसे कानून के शिकंजे में लाया जाएगा। सरकारी कर्मचारी होने का फायदा अब कोई नहीं उठा पाएगा।

एसपी ने यह भी कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस ने विभागीय कार्रवाई करने के लिए मुख्य सचिव को पत्र भेज दिया है, ताकि इन्हें सरकारी सेवा से बाहर किया जा सके।

सभी विभागों पर पुलिस की कड़ी नजर
पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई के बाद शिमला जिले में सभी सरकारी विभागों में हलचल मच गई है। पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि आगे भी यदि किसी भी विभाग का कर्मचारी नशे के कारोबार में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ बिना किसी देरी के सख्त कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री की ओर से भी इस अभियान को पूरी तरह समर्थन दिया गया है और यह कहा गया है कि नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। पुलिस ने स्थानीय जनता से भी अपील की है कि यदि उनके आसपास कोई भी व्यक्ति नशे के कारोबार में लिप्त हो तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें।

जानकारी अनुसार शिमला पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है कि इन कर्मचारियों के माध्यम से नशे का कारोबार कितना फैला हुआ है और इसके पीछे कौन-कौन शामिल हैं। पुलिस की मंशा है कि राज्य से नशे के कारोबार को पूरी तरह समाप्त किया जाए और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाए। शिमला पुलिस जिले में कई नशा तस्कर गैंग का पर्दाफाश कर चुकी है। इनमें संदीप शाह गैंग, रंजन गैंग, राधे गैंग, शाही महात्मा गांधी गैंग शामिल हैं।

एसपी संजीव गांधी ने कहा कि इस कार्रवाई का उद्देश्य यह है कि भविष्य में कोई भी सरकारी कर्मचारी या अन्य व्यक्ति नशे के कारोबार में शामिल होने से पहले सौ बार सोचे। उन्होंने जनता से भी अपील की कि यदि उन्हें कहीं भी नशे का कारोबार या तस्करी नजर आए तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

नशे के कारोबार में संलिप्त सरकारी कर्मचारी होंगे नौकरी से बर्खास्त : सीएम सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पिछले दिनों सचिवालय में नशे के खिलाफ आयोजित एक मैराथन बैठक में पुलिस विभाग को आगामी 6 माह में मिशन मोड में नशे के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा था कि नशा कारोबार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई प्रभावशाली व्यक्ति ही क्यों न हो।

मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि नशा तस्करी में संलिप्त सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन कर्मचारियों पर नशा तस्करी के ठोस प्रमाण मिलेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सुक्खू ने कहा था कि नशा तस्करों और उनके सहयोगियों की संपत्तियां जब्त की जाएंगी। उन्होंने पुलिस विभाग को संदिग्ध व्यक्तियों के बैंक खातों की गहन जांच के निर्देश दिए और सभी एनडीपीएस मामलों की विस्तृत समीक्षा कर तस्करी के पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज स्थापित करने को कहा।