2017 के मुकाबले इस बार शिमला नगर निगम चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है. 2017 में जहां मतदान 57.80 प्रतिशत था. वही इस बार मतदान प्रतिशत 58.97 रहा. शिमला नगर निगम चुनाव के लिए मंगलवार को हुए मतदान में करीब 59 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि शिमला नगर निगम के 34 नगर वार्ड के लिए सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ. अधिकारियों ने बताया कि सुबह बारिश होने के कारण मतदान के लिए कम लोग पहुंचे, लेकिन समय बीतने के साथ मौसम में सुधार होने के बाद मतदान में तेजी आई.
नगर निगम चुनाव में 58.97 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. निकाय चुनाव में 59.29 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने 58.60 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपराह्न चार बजे तक अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में हुए चुनाव में 57.80 प्रतिशत मतदान हुआ था और इस लिहाज से मतदान प्रतिशत में आंशिक वृद्धि हुई है. शिमला के उपायुक्त और निर्वाचन अधिकारी आदित्य नेगी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ और शहर के किसी भी हिस्से से अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
34 वार्ड में सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ और दोपहर 12 बजे तक 29 प्रतिशत और अपराह्न दो बजे तक 43.60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले थे. इस चुनाव में कुल 102 प्रत्याशी मैदान में थे. चुनाव परिणामों की घोषणा बृहस्पतिवार को की जाएगी. नगर निगम के पांच वर्ष का कार्यकाल जून 2022 में समाप्त हो गया था, लेकिन चुनाव कराने में 11 माह की देरी हुई. पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा (कांग्रेस) और पूर्व शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (BJP) ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इन चुनावों में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. बीजेपी ने कांग्रेस पर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया, साथ ही उसने दो वार्ड में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में नामों के क्रम में बदलाव की शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष दर्ज कराई है. वहीं, कांग्रेस ने इन आरोपों को ‘‘हास्यास्पद’’ करार दिया.
बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि दो वार्ड-छोटा शिमला (वार्ड संख्या 28) और कंगनाधार (वार्ड संख्या 30) में ईवीएम में बीजेपी के उम्मीदवारों के नामों के क्रम को बदल दिया गया है,जिससे मतदाताओं में भ्रम पैदा हुआ है. उन्होंने कहा कि टिकट आवंटन के वक्त बीजेपी उम्मीदवार संजीव चौहान(छोटा शिमला) और रेनू चौहान(कंगनाधार) के नाम क्रम संख्या एक और तीन पर थे,लेकिन मतदान वाले दिन इनके नाम क्रम संख्या दो और चार में दिखाई दे रहे हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया है
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छोटा शिमला वार्ड में मतदान के बाद मीडिया से बातचीत में बीजेपी के आरोपों को ‘हास्यास्पद’ बताया. उन्होंने कहा कि पार्टी के चुनाव चिह्न ईवीएम में दिखाई दे रहे हैं और शिमला के लोग शिक्षित हैं तथा जानते हैं कि वोट कहां देना है.राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, चुनाव में 93,920 मतदाता मतदान के लिए पात्र थे. इनमें 49,759 पुरुष और 44,161 महिलाएं थीं. यह चुनाव कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए ही अहम है.
पिछले वर्ष दिसंबर में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में जीत से उत्साहित कांग्रेस को कुछ माह में किए गए कार्यों के बल पर अपनी जीत का भरोसा है. कांग्रेस के प्रचार की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू छोटा शिमला वार्ड से दो बार पार्षद रह चुके हैं. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी को निवर्तमान शिमला नगर निगम बोर्ड के कामकाज के आधार पर वोट मिलने की उम्मीद है. इस बोर्ड की कमान 2017 से 2022 तक बीजेपी के पास थी. बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 34 वार्ड में उम्मीदवार खड़े किए हैं, वहीं आम आदमी पार्टी ने 21 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने चार सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं.