आज से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई है यानी आज प्रथम नवरात्र पर मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री देवी मां दुर्गा के नौ रूपों में पहले स्वरूप में मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार, इनकी पूजा से आरोग्य, समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। मां शैलपुत्री की उपासना जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और रोगों से मुक्ति का प्रतीक मानी जाती है।
मां का स्वरूप और महत्व
मां शैलपुत्री का स्वरूप सौम्य और सरल है। मां नंदी बैल यानी वृषभ की सवारी करती है। इनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का फूल विराजमान है। मां को सफ़ेद रंग बहुत प्रिय है। मां शैलपुत्री पर्वतों में निवास करती है।