जिस मंदिर में जाकर स्व. वीरभद्र सिंह ने पुत्र प्राप्ति के लिए मन्नत मांगी थी आज उसी मंदिर में जाकर उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने अपने लिए जीत का आशीवार्द मांगा। मंडी संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को मंडी जिला के तहत आने वाले सराज घाटी में 11 हजार फीट की उंचाई पर बसे माता शिकारी देवी मंदिर में जाकर शीश नवाया। विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि 1988 में उनके पिता ने इसी मंदिर से पुत्र प्राप्ति की मनोकामना मांगी थी और उसके बाद मेरा जन्म हुआ था। वे प्रदेश के पहले सीएम थे जो इस मंदिर में पहुंचे और यहां के विकास को शुरू किया। मां भीमाकाली हमारी कुलदेवी है लेकिन उसी तरह माता शिकारी देवी के प्रति भी हमारे परिवार की अटूट आस्था है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि माता से उन्होंने जीत का जो आशीर्वाद मांगा है वो हर हाल में पूरा होगा।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आज आरएसएस के पूर्व प्रचारक ही यूपी से मंडी आकर कंगना के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। आज भाजपा और उससे जुड़े संगठनों को यह सोचने कीे जरूरत है कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों आई। आज यह आजाद प्रत्याशी देव संस्कृति की बात करने के साथ-साथ कंगना के खान पान को लेकर भी जो बातें कर रहे हैं उनपर भाजपा को चिंतन करने की जरूरत है।
भाजपा को आखिर ऐसी कौन सी नौबत आ गई कि उन्हें बाकी नेताओं और कार्यकर्ताओं को दरकिनार करके एक ऐसे प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारना पड़ा जो उनके लिए गले की फांस बन गई है।