मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा

Spread the love

मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार देर सायं मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा की तथा योजना के तहत पात्र अनाथ बच्चों के फार्म शीघ्र भरने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि समय पर उन्हें इस योजना के लाभ प्रदान किए जा सकें। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उप-मण्डलीय स्तर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी को शीघ्र मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के फार्म उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को योजना के तहत फार्म भरने की सुविधा प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान आरम्भ करने को भी कहा। योजना के लिए 6 जुलाई, 2023 को मानक संचालन प्रक्रिया अधिसूचित की गई थी तथा योजना के कार्यान्वयन की निगरानी का जिम्मा उपायुक्तों को जिला स्तर पर सौंपा गया है।
 

उप-मण्डल स्तर पर योजना की निगरानी पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में एक कानून पारित कर लगभग 6000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है तथा इनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी सरकार की है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला मण्डी के सुन्दरनगर में 50 बीघा से अधिक भूमि पर प्रस्तावित अत्याधुनिक आदर्श ग्राम सुख-आश्रय परिसर की समीक्षा भी की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को परियोजना के कार्य में तेजी लाने तथा 15 दिनों के भीतर निविदा प्रक्रिया आरम्भ करने के निर्देश दिए ताकि यह परिसर शीघ्र निर्मित किया जा सके और वृद्धजनों, दिव्यांग बच्चों व निराश्रित महिलाओं को आवासीय सुविधा प्राप्त हो सके।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के सलाहकार (अधोसंरचना) अनिल कपिल, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता एम. सुधा देवी, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं दिव्यांगजन अधिकारिता विभाग के निदेशक प्रदीप ठाकुर, महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक रूपाली ठाकुर और अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।