हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य लक्ष्य एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता फैलाना और इस गंभीर बीमारी से संबंधित सभी मिथकों को खत्म करने के लिए लोगों को प्रेरित करना है। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित किया।इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल की बात करूं तो हिमाचल प्रदेश सरकार ने ना केवल एचआईवी अपितु अपने हिमाचल वासियों को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आसान एवं समान रूप से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए कई कदम उठाए हैं। जब से हमारी सरकार बनी है और दो वर्ष हमारी सरकार के पूरे होने जा रहे हैं। इन दो वर्षों में हमारा प्रयास रहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में और हेल्थ सेक्टर में महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएं। इस दृष्टि से हम बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में हमने कई बदलाव किए हैं। डे बोर्डिंग स्कूल बनाने जा रहे हैं और पहली कक्षा से ग्रामीण के जो स्कूल है, गांव के जो स्कूल है, उसमें इंग्लिश मीडियम में हमने पढ़ाई की शुरुआत की है और पिछले साल हमारा इंटरेक्शन कार्यक्रम था सभी जो हमारे कॉलेज है, प्रिंसिपल्स थे, वाइस प्रिंसिपल थे, कॉल टेकर और आने वाले समय में उन बदलाव का असर आपको हॉस्पिटल्स में देखने को मिलेगा और जो हमारे स्वास्थ्य संस्थान है उसमें देखने को मिलेगा।
मुख्यमंत्री आगे कहते हैं कि हर विधानसभा क्षेत्र में हमने एक आदर्श स्वच्छता संस्थान बनाने का निर्णय लिया है और जिसमें सभी प्रकार के डॉक्टर और नर्सेज को उपलब्ध करवाने की सुविधा हमारी सरकार प्रदान करने जा रही है। मेडिकल कॉलेज में चाहे वह आईजीएमसी या टांडा, हमीरपुर या नेरचौक इसमें लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की चाहे एमआरआई की मशीन जाए, चाहे रोबोटिक सर्जरी की मशीन जाए उसके लिए हमारी सरकार व्यापक धन खर्च करने जा रही है और मुझे खुशी है कि आने वाले छह आठ महीने में आप इस बदलाव को देखेंगे। अभी हमने आईजीएमसी में डिपार्टमेंट ऑफ इमरजेंसी जो पहले कैजुअल्टी डिपार्टमेंट हुआ करता था, उसमें परिवर्तन किया है। एक एक बेड पर दो दो मरीज उसमें रहा करते थे सोया करते थे। तकलीफ होती थी। हमने निर्णय लिया कि जो हमारा ट्रॉमा सेंटर है, कोई भी अब कैजुअल्टी में जाएगा। डिपार्टमेंट ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन में जाएगा। उसको एक बेड मिलेगा और डॉक्टर जो है जो 72-72 घंटे ड्यूटी दिया करते थे उनको आठ घंटे ड्यूटी देने के निर्देश दिए हैं। अभी थोड़ा परिवर्तन हो रहा है। अभी थोड़ा परिवर्तन हो रहा है, लेकिन उस परिवर्तन के साथ थोड़े और अधिक फैसले लेने पड़ेंगे ताकि हमारा जो हेल्थ सेक्टर है वह वर्ल्ड क्लास हो सके।
मुख्यमंत्री आगे कहते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में आज गुणात्मक शिक्षा के क्षेत्र में हम किस स्थान पर पहुंच गए हैं, उसमें भी सुधार हो सके, इस दृष्टि से मैं आप सब लोगों का सहयोग भी चाहता हूं और प्यारे बच्चों से यह भी कहना चाहता हूं कि आज के दिन जो आप आए हैं आप भविष्य की युवा पीढ़ी हैं। आप बच्चों को जब आप घर में बात करते हैं तो इन सब चीजों से अवगत होना चाहिए और आस पड़ोस के बच्चे जो आपके संपर्क में रहते हैं उनको भी अवगत करवाना चाहिए। जब कभी भी आप अपने गांव में जाएं तो एड्स संबंधी सारी जानकारी आप अपने सहयोगियों से, अपने दोस्तों से और गांव में रहने वाले जो युवा साथी है वह उनसे भी जरूर शेयर करें एचआईवी की बात करें तो प्रदेश में एचआईवी जागरूकता जांच, दवाएं समान रूप से सभी लक्षित टार्गेटेड व्यक्तियों को प्रदान की जा रही है। हमने लगभग 8 लाख व्यक्तियों तक गांव शहर में एचआईवी रोकथाम की जानकारी अगस्त से अक्तूबर दो हज़ार 24 तक पहुंचाई है। प्रदेश में कुल 55 जांच एवं सलाह केंद्रों एवं दो जांच भवनों द्वारा मुफ्त एचआईवी जांच की जा रही है। वहीं, एचआईवी जांच को लोगों तक पहुंचाने के लिए 234 जांच शिविर भी शहर एवं गांव में जनवरी 2 हज़ार 23 से 2 हज़ार 24 के दौरान लगाए। इसके परिणामस्वरूप इस दौरान रिकॉर्ड 5,00,092 हज़ार 902 एचआईवी जांच की गई एचआईवी जांच के दौरान एचआईवी पॉजिटिव पाए गए व्यक्तियों को शीघ्र अति शीघ्र एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर से मुफ्त उपचार व दवाओं के लिए जोड़ा गया। प्रदेश में कुल पांच हजार 897 व्यक्तियों को मुफ्त उपचार व मेडिसिन दी जा रही है।
मुख्यमंत्री आगे कहते हैं कि एचआईवी के होने के अन्य कारणों के साथ साथ नशा जिसके लिए हमारी सरकार ने एक अभियान चलाया हुआ है, जो भी नशे में सम्मिलित लोग हैं या नशे के व्यापार में सम्मिलित लोग है, उनकी संपत्ति को जब्त करने का हमारी सरकार ने अभियान चलाया और पिछले दो महीने से हम गांव तक जाकर बड़ी सख्त कार्रवाई कर रहे हैं और इसमें हमें बहुत अधिक सफलता भी मिल रही है। लेकिन नशा एचआईवी के होने के अन्य कारणों के साथ नशा विशेष कर सीरिंज द्वारा नशा सेवन एचआईवी की रोकथाम में एक चुनौती के रूप में सामने आया है। युवाओं द्वारा मादक पदार्थों का उपयोग और सिरिंज से नशा करने जैसे मामले हमें अंदर से झकझोर रहे हैं, जो हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य पर विचार करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। प्रदेश के सभी युवाओं से की से मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि आप इस रोकथाम में अपनी भूमिका निभाएं। आपको ना केवल जागरूक होना है अपितु अपने आसपास समाज के सभी लोगों को भी जागरूक बनाना है और एचआईवी जांच के लिए भी स्वैच्छिक रूप से आगे आना है।
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