मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की उपस्थिति में मंगलवार को यहां परिवहन विभाग और दो कंपनियों के बीच प्रदेश सरकार द्वारा चिन्हित चार ग्रीन कॉरिडोर में सुविधाएं बढ़ाने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। इसके तहत जियो-बीपी कंपनी मंडी-जोगिंदर नगर पठानकोट के साथ-साथ कीरतपुर-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर को विकसित करेगी, जबकि इवीआई टेक्नोलॉजी कंपनी एक वर्ष के भीतर परवाणु-ऊना-संसारपुर टेरेस-नूरपुर तथा परवाणु, शिमला-रिकांगपियो-लोसर ग्रीन कॉरिडोर विकसित करेगी। इलेक्ट्रोवेब कंपनी शिमला-हमीरपुर-चंबा ग्रीन कॉरिडोर को विकसित करेगी। इन पांच ग्रीन कॉरिडोर पर कंपनियां एक साल के भीतर 41 स्थानों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन, वे-साइड सुविधाएं तथा सुपर मार्केट स्थापित करेंगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 41 स्थानों पर ई-बस, ई-ट्रक तथा अन्य ई-व्हीकल को चार्ज करने की सुविधा प्राप्त होगी। साथ ही इन स्थानों पर शौचालय तथा रेस्तरां जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को कंपनियां लगभग 75 लाख रुपए प्रति वर्ष लीज मनी के रूप में प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश को ई-व्हीकल्स के लिए मॉडल राज्य के रूप में विकसित किया जा रहा है, ताकि कार्बन उत्सर्जन को कम कर राज्य के वातावरण को भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी में बसों के बेड़े को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों में परिवर्तित किया जाएगा।
इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य सरकार 350 ई-बसों की भी खरीद करने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का परिवहन विभाग देश में ऐसा पहला विभाग है जहां सभी वाहन इलेक्ट्रिक हैं। प्रदेश में ग्रीन कॉरिडोर स्थापित होने से निजी वाहन मालिक भी ई- व्हीकल की तरफ प्रोत्साहित होंगे।
एमओयू पर राज्य सरकार की ओर से निदेशक परिवहन विभाग डीसी नेगी, जबकि ईवीआई टेक्नोलॉजी की ओर से राहुल सोनी तथा जियो बीपी कंपनी की ओर से अविनाश शर्मा ने हस्ताक्षर किए।इस अवसर पर प्रधान सचिव आरडी नज़ीम तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे।