बाद में भारी बारिश के कारण अन्य मकानों में भी दरारें आ गईं और 14 मकानों को रहने के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया गया। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राज्य में कुल 1217 सड़कें बंद हैं। इनमें से 281 सड़कें मंडी में, 261 शिमला में, 231 कुल्लू में और 187 सड़कें चंबा जिले में अवरुद्ध हैं। शिमला-कालका रेल लाइन पर भूस्खलन के कारण इस पर चलने वाली रेलगाड़ियां शुक्रवार तक रद्द कर दी गई हैं। राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हुई और मंडी जिले के बग्गी में बृहस्पतिवार शाम से 61.3 मिमी बारिश हुई। इसके बाद करसोग में 24.2 मिमी, धौलाकुआं में 18.0 मिमी, बुंतर में 16 मिमी, जोत में 14.2 मिमी, गोहर, रामपुर और मनाली में 13-13 मिमी, नैना देवी में 12.8 मिमी और जोगिंदरनगर में 10 मिमी बारिश हुई।
स्थानीय मौसम कार्यालय ने सोमवार और मंगलवार को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के लिए ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य में 95 अचानक बाढ़ आने की 95 घटनाएं, बादल फटने की 45 घटनाएं और बड़े भूस्खलन की 132 घटनाएं हुई हैं। मानसून शुरू होने के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 355 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 49 लोग लापता हैं।