हिमाचल प्रदेश में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट निकालने में हो रही देरी पर बेरोजगार भड़क गए है। विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के पोस्ट कोड के अभ्यर्थी मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू पर ड्रामा करने और झूठ बोलने के आरोप लगा रहे हैं। इस दौरान कुछ बेरोजगार फूट-फूट कर रो पड़े। दरअसल, बेरोजगार हिमाचल प्रदेश स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HPSSC) हमीरपुर द्वारा ली गई भर्ती परीक्षाओं का रिजल्ट नहीं निकलने से नाराज है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने मई महीने में एक सप्ताह के भीतर उन परीक्षाओं का रिजल्ट निकालने का दावा किया था, जो पेपर विजिलेंस जांच के दायरे से बाहर है, लेकिन अभी भी दो दर्जन पोस्ट कोड में रिजल्ट लटका हुआ है। इससे नाराज दर्जनों अभ्यर्थी आज सचिवालय के घेराव को शिमला पहुंचे हैं। अब मुख्यमंत्री के मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HPSSC) हमीरपुर ने लगभग चार दर्जन पोस्ट कोड में भर्ती परीक्षाएं आयोजित की थी और राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद HPSSC पर पेपर लीक के गंभीर आरोप लगे। पहले आयोग को कुछ समय के लिए सस्पेंड किया गया। जब जांच आगे बढ़ी तो कई परीक्षाओं में पेपर लीक के सबूत मिले। इसके बाद सरकार ने HPSSC को भंग कर दिया। इससे तीन दर्जन से ज्यादा पोस्ट कोड में परीक्षाओं का रिजल्ट लटक गया। मगर, दो दर्जन पोस्ट कोड में विजिलेंस से सरकार को क्लियरेंस मिल चुकी है। यानी इनमें सरकार भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित कर सकती है। राज्य सरकार ने अब पेपर मूल्यांकन, रिजल्ट निकालने का जिम्मा हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) को सौंपा है।
विजिलेंस की क्लियरेंस के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने मई में दावा किया था कि जिनकी विजिलेंस में जांच नहीं चल रही, उन परीक्षाओं के रिजल्ट एक सप्ताह में निकाले जाएंगे,लेकिन अब तक आधा दर्जन पोस्ट कोड में ही रिज्लट निकाले गए है। यही वजह है कि बेरोजगार सड़कों पर उतर आए है। इससे पहले भी कभी DC ऑफिस के बाहर बेरोजगार धरना देते आए तो कभी मुख्यमंत्री से मिलने के लिए दिनभर ओक-ओवर के बाहर डेरा डाल चुके है।