हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में सोमवार रात की मूसलाधार बारिश ने तबाही मचाई है। बारिश का सबसे ज्यादा असर नाहन की बिरोजा फैक्ट्री में पड़ने का समाचार मिला है। नाहन- शिमला मार्ग पर से पानी और मलबा घुसने से फैक्ट्री परिसर को नुकसान हुआ है। फैक्ट्री में प्रोडक्शन को भी स्थगित कर दिया गया है। बनोग के समीप शिमला मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है।
जानकारी के अनुसार, रात करीब 9:45 बजे, तेज बारिश का सिलसिला शुरू हुआ जो आधी रात तक जारी रहा। इस दौरान फैक्ट्री के परिसर में मलबा घुस गया, जिससे तीन कमरे क्षतिग्रस्त हो गए और फैक्ट्री का संपूर्ण कार्य प्रभावित हो गया है। फैक्ट्री परिसर में पानी भरने से मशीनरी और अन्य जरूरी उपकरणों को भी नुकसान पहुंचा है। गनीमत यह है कि जानी नुकसान नहीं हुआ है।
घटना के वक्त फैक्ट्री में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था, अन्यथा किसी प्रकार की जानमाल की हानि हो सकती थी। पानी और मलबा घुसने के कारण बिजली के पोल और पानी की मोटर भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे विद्युत और जल आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। फैक्ट्री का संचालन हिमाचल प्रदेश राज्य वन निगम के अधीन होता है। दीगर है कि सड़क के किनारे अवैध डंपिंग लगातार बढ़ती जा रही है, लिहाजा मलबे के नीचे की तरफ बहने के आशंका पहले भी जाहिर की जा रही थी क्योंकि निर्माण कार्यो ने नालों के कुदरती बहाव को बाधित कर दिया है।
उधर,सिरमौर में बारिश के कारण क्षेत्र की नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। आधी रात को श्री रेणुका जी के जटोन बांध के तीन दरवाजे खोलने पड़े। इससे मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा था। गिरी, जलाल,यमुना,मारकंडा व बाता नदियों का जल स्तर भी बढ़ा हुआ है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और नदियों के समीप न जाने की अपील की है।
नुकसान का आकलन किया जा रहा है। वहीं, फैक्ट्री प्रबंधन ने कहा कि नुकसान का पूरा आकलन होने के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। फैक्ट्री की कॉलोनी में भी बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। इसी बीच त्रिलोकपुर के बुढ़ियो में गुमटी -पालियों सड़क के एक हिस्से के धंसने का भी समाचार भी मिला है। बता दे कि फैक्ट्री के समीप निर्माणाधीन पार्क के मलबे ने भी फैक्ट्री को नुकसान पहुंचाया है। फैक्ट्री में इस तरह के नुकसान की घटना पहली ही हो सकती है।