बागवानी और बेरोजगारों का जिक्र करना भूले केजरीवाल….

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दिल्ली के बाद पंजाब में सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने जब से हिमाचल में एंट्री की है, तभी से भाजपा-कांग्रेस संग आमजन की नजर इस पार्टी के हर एक्शन पर है। मंडी के बाद शनिवार के दिन कांगड़ा के चंबी में हुई रैली भी पूरे प्रदेश में चर्चा का केंद्र रही। रैली स्थल पर तय समय से दो घंटे देर से पहुंचे केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल का खूब गुणगान किया। 1:09 बजे पर चंबी पहुंचे केजरीवाल 1:58 मिनट पर वापस हुए। इस दौरान महज 20 मिनट के भाषण में केजरीवाल ने अपने अचूक अस्त्रों से कइयों को घायल कर दिया है। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम जयराम ठाकुर व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम ले लेकर हमले किए। दिल्ली मॉडल को भी खूब गिनाया। दिल्ली की तरह ही हिमाचली भी केजरीवाल से मुद्दे की बात चाहते हैं। इसमें केजरीवाल ने कुछ ऐसे हिमाचली मसले मिस किए, जिनपर लोग उनका विजन जानना चाहते थे।

लोग चाहते थे कि केजरीवाल हिमाचल पांच हजार करोड़ रुपये वाली बागवानी पर अपना विजन रखते। लोग चाहते थे कि केजरीवाल एक हजार करोड़ रुपये की पर्यटन आर्थिकी पर अपनी योजना जनता से शेयर करते। केजरीवाल अक्सर किसान आंदोलन की बात करते हैं तो प्रदेश के 9 लाख 68 हजार किसान चाहते थे कि वह उनके लिए भी स्पेशल प्लान बताएं। प्रदेश में 5 लाख के करीब बागवान भी आप सुप्रीमो को ध्यान से सुनते हैं।

उनकी भी यही हसरत थी कि केजरीवाल उनकी बात करते। दूसरी ओर अब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आ गई है तो हिमाचली यह भी चाहेंगे कि आप प्रमुख हिमाचली हक की बात करें। पंजाब पुनर्गठन आयोग के समय हिमाचल को सात फीसदी से ज्यादा शेयर देने की बात हुई थी।

पहाड़ की जनता चाहती है कि आम आदमी पार्टी इस मसले पर भी अपना स्टैंड क्लीयर करे। खैर, उम्मीद है कि आने वाले समय में आप इन मसलों पर अपनी बात जरूर रखेगी। बहरहाल केजरीवाल के आने से एक बड़े वर्ग को आप्शन जरूर मिल गया है जो तीसरे विकल्प की तलाश में है।