बिलासपुर 5 अप्रैल – चेतना पुनर्वास एवं अनुसंधान केन्द्र, बिलासपुर व स्पेशल ओलंपिक भारत हिमाचल प्रदेश, समग्र क्षेत्रीय केन्द्र, सुंदरनगर, मंडी, राजकीय डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, शिमला के संयुक्त तत्वाधान में एम्स बिलासपुर के परिसर में संस्थागत सामाजिक जिम्मेदारी और सामुदायिक भागीदारी के अंतर्गत बौद्धिक दिव्यांग व्यक्तियों के लिए पूर्ण दिवसीय मल्टी स्पेशलिटी चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। शिविर की अध्यक्षता प्रदेश सरकार की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री सरवीन चौधरी ने की और खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग मंत्री राजेंद्र गर्ग विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। शिविर का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में किया गया जोकि भारत की आजादी के 75 साल और देश के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और उपलब्धियों को मनाने के लिए एक पहल है। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के सर्वांगीण विकास के लिए वचनबद्ध है। दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ उन्हें लाभान्वित कर समाज की मुख्यधारा में लाकर उनकी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने के उदेश्य से प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार के “दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016” को अक्षरशः लागू किया गया है। उन्होने कहा कि दिव्यांगता बच्चों की शिक्षा प्राप्ति में बाधा न बने तथा ऐसे बच्चे एंव व्यक्ति शिक्षा प्राप्त कर स्वावलंबी बन सकें, इस उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा विविध कदम उठाए जा रहे है। जिस के तहत सभी दिव्यांग बच्चों के लिए प्राथमिक स्तर से विश्वविद्यालय स्तर तक टयूश्न फीस नही ली जा रही है और शिक्षा ग्रहण करने के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बिना किसी आय सीमा के 625 रुपये से लेकर 5 हजार रूपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृतियां भी दी जा रही है। उन्होने कहा कि पूरे विश्व भर में दिव्यांगजनो ने अपने अंदर की शक्ति को पहचान कर पूरी दुनिया में चमत्कार करके दिखाया है और अनेक क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होने कहा कि आइंस्टीन भी एक समय मानसिक रूप से बेहद कमजोर माने जाते थे लेकिन बाद में यही आइंस्टीन दुनिया के एक महान वैज्ञानिक बने। उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश के किसान के बेटे ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में उंची कूद में सिलवर मेड़ल जीतकर इतिहास रच दिया। उना जिले के अंब निवासी निषाद पहले हिमाचली खिलाड़ी बने है जिन्होने 2.06 मीटर उची कूद लगाकर एशियन रिकार्ड बनाया। उन्होने कहा कि वर्ष 2019 में आबूधाबी में आयोजित स्पैशल ओल्ंापिक खेलों में हिमाचल प्रदेश के विशेष सक्षम प्रतिभावान खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 12 पदक जीत कर प्रदेश को गौरवांवित किया है। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा विशेष ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 75 हजार, रजत पदक विजेता को 50 हजार, कांस्य पंदक जीतने पर 25 हजार, टीम के प्रतिभागियों को 10 हजार की सम्मान राशी प्रदान की जाती है। उन्होने पैरा ओलंपिक खेलों में प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने बाले बच्चों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि स्पेशल ओलंपिक भारत की अध्यक्षा एंव चेतना संस्था की संस्थापक सचिव मल्लिका नडडा के निर्देशों के अनुसार इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है और पूरे भारत में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि चेतना संस्था तथा स्पेशल ओलंपिक भारत का हिमाचल चैप्टर अपनी भूमिका बखूबी अदा कर रहे हैं। उन्होने बताया कि विशेष ओलंपिक भारत के इस प्रयास को मान्यता देने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया जा रहा है। उन्होंने एम्स के प्रसाशन एवं डाक्टरो, समग्र क्षेत्रीय केन्द्र, सरकारी डेंटल कॉलेज और अस्पताल के चिकित्सों व उनकी टीम जिन्होंने बौद्धिक अक्षमता से ग्रसित बच्चों और वयस्कों की स्क्रीनिंग की सभी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी ने पुण्य का कार्य किया है और यह मानवता की सबसे बडी सेवा है। इस अवसर खाद्य नागरिक आपूर्ति एव उपभोक्ता मामले मंत्री राजिन्द्र गर्ग ने कहा कि दिव्यांगजन हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं। बौद्धिक दिव्यांग बच्चों ने चेतना संस्था के माध्यम से विशेष ओलंपिक प्रतिस्पर्धाओं में राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर अनेक मेडल जीत कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि आज चेतना संस्था की प्रदेश सहित पूरे देश में पहचान बन चुकी है। मेडिकल शिविर में फिट इंडिया मिशन के सहयोग से विशेष ओलंपिक भारत के ”रिर्टन टू प्ले इनक्लूजन रिवाल्यूशन“ के तहत बौद्धिक अक्षमता वाले इन एथलीटों के लिए मेडिकल कैम्प के अलावा फिट 5 गतिविधियां के तहत विभिन्न आयामो के व्यायाम भी सिखाए गए जोकि आजादी का अमृत महोत्सव का भी एक हिस्सा है। शिविर में दिव्यांग बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये। चिकित्सा शिविर में लगभग 354 से अधिक बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के दांतों की जांच, स्वास्थ्य जांच की गई। इस अवसर पर उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय, एस.पी. बिलासपुर एस.आर. राणा, उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन बोर्ड रणधीर शर्मा, निदेशक एम्स बिलासपुर बीर सिंह नेगी, डीन एकेडमिक संजय बिक्रांत, जिला भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र संख्यान, हिमाचल प्रदेश विशेष ओलंपिक भारत राज्य उपाध्यक्ष रशमी सूद, विशेष ओलंपिक जिला अध्यक्ष ब्रिगेडियर जे.एस.वर्मा (सेवानिवृत), जनसम्पर्क अधिकारी एम्स बिलासपुर डा. रूपाली, निदेशक चेतना संस्था अरूण गौतम, बाल विकास परियोजना अधिकारी नरेन्द्र कुमार, जिला कल्याण अधिकारी उर्मिल पटियाल सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।