क्षमता विकास कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित
उपायुक्त डीसी राणा ने की बतौर मुख्य अतिथि शिरकत
चंबा 5 मार्च
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चंबा के तत्वाधान में क्षमता विकास कार्यक्रम के तहत आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया पहल को लेकर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जनजातीय भवन बालू में किया गया। कार्यशाला में गैर सरकारी संस्थाओं और सामुदायिक संगठनों ने भाग लिया।
कार्यशाला के समापन अवसर पर उपायुक्त डीसी राणा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
इस अवसर पर उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि जिला की प्रत्येक पंचायत से 15 युवाओं चयनित कर आपदा के संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्य को बेहतर और सुगम तरीके से किया जा सके। उन्होंने आज की तीन दिवसीय कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और कहा कि भविष्य में भी इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा ताकि किसी भी आपदा के समय आमजन के बचाव के लिए सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ गैर-सरकारी संस्थाओं और सामुदायिक संगठनों की भूमिका भी निभा सके। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में आपदों के जोखिम को कम करने के लिए गैर-सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला में शिक्षकों को भी आपदा के संबंधित मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है और इसके अतिरिक्त मिस्त्रीयों को भी भूकंप रोधी इमारत के निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि बनाए जा रहे भवन भूकंप रोधी हो।
उन्होंने कहा कि आपदा संबंधी कार्यशाला में महिलाओं की सहभागिता भी सुनिश्चित हो ताकि आपदा के समय उठाए जाने वाले उचित कदमों के बारे में जागरूक रहे।
इस दौरान उन्होंने कार्यशाला में भाग लेने वाले विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं और सामुदायिक संगठनों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
कार्यशाला में शिमला स्थित आपदा प्रबंधन पर कार्यरत अनुभवी संस्था ‘डूअर्स’ से आए विषय विशेषज्ञ नवनीत यादव और निधि काल्टा ने प्रतिभागियों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण की विधियों और साथ ही किसी आपदा या दुर्घटना के दौरान जीवन रक्षा से जुड़ी व्यावहारिक दक्षताओं को रोचक तरीकों से सिखाया।
इस दौरान कार्यशाला में प्रतिभागियों ने उपायुक्त के साथ अपने अनुभव भी साझा किए।
कार्यशाला में प्रशिक्षण व क्षमता वृद्धि समन्वयक आशीष सेमवाल, सूचना प्रोद्योगिकी समन्वयक सुमित गुप्ता तथा विभिन्न गैर-सरकारी संस्थाओं व सामुदायिक संगठन मौजूद रहे।
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