अब कांगड़ा जिला के पौंग बांध में भी क्रूज और शिकारा चलेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देश पर जिला प्रशासन कांगड़ा और पर्यटन विकास विभाग ने इस बारे में प्लान तैयार कर लिया है। अगर सारी तैयारियां ठीक रहीं तो मार्च 2025 से पूर्व पर्यटक यहां पौंग बांध में क्रूज और शिकारा का लुत्फ उठा सकेंगे।पौंग बांध को महाराणा प्रताप सागर के नाम से भी जाना जाता है। कांगड़ा जिला के विधानसभा क्षेत्र जसवां-परागपुर, देहरा, जवाली और फतेहपुर के अधीन पौंग बांध का अधिकतर क्षेत्र आता है। मुख्यमंत्री कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने की बातें कर चुके हैं।गगल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तार भी मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल है। मौजूदा समय में गगल एयरपोर्ट की हवाई पट्टी 1,370 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी है। अब रनवे को 3,110 मीटर करने का प्रस्ताव है, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी हो चुकी है।
प्रस्ताव तैयार किया
पौंग बांध में क्रूज और शिकारा को लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। मार्च 2025 तक पौंग में क्रूज और शिकारा की सुविधा उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है। इस बारे में क्रूज और शिकारा की सुविधाएं प्रदान करने वाली कंपनियों से बातचीत चली हुई है। मुख्यमंत्री कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने के लिए प्रयासरत हैं। जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग मिलकर काम कर रहे हैं।
कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने के लिए कई प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में: सीएम
कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने के लिए कई प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं। पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन कांगड़ा को मिलकर इस पर काम करने के निर्देश दिए हैं। बिलासपुर स्थित गोबिंदसागर झील में क्रूज उतारा है। अब पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन को कांगड़ा भी पौंग बांध में क्रूज समेत अन्य पर्यटन व साहसिक गतिविधियों की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि देश-विदेश के पर्यटक कांगड़ा का रुख करें। इससे स्थानीय लोगों को फायदा मिले। साथ ही प्रदेश की आर्थिकी मजबूत हो।