उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केवल चुनाव में हिमाचल प्रदेश की याद आती है और वह वोट मांगने हिमाचल प्रदेश आते हैं। चुनाव के दिनों में हिमाचल आकर नरेंद्र मोदी सेपु बड़ी और मदरे की बातें कर वोट की राजनीति करते हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश के साथ उनका कोई भावनात्मक लगाव नहीं है। अगर हिमाचल और हिमाचल के लोगों के साथ वाकई उनका कोई रिश्ता होता तो राज्य के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी में वो हिमाचल आकर प्रभावितों का हाल जरूर जानते और मदद करते।
उन्होंने कहा कि पिछली बरसात में हिमाचल प्रदेश में इतिहास की सबसे बड़ी आपदा के दौरान 550 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और 22 हजार से अधिक परिवार प्रभावित हुए, लेकिन प्रधानमंत्री ने तो मृतकों के परिवारों के साथ न कोई संवेदना प्रकट की और न ही हिमाचल प्रदेश के जख्मों पर मरहम लगाया। चौहान और नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बार-बार दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेताओं से मिले और उनसे हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष राहत पैकेज देने की मांग की, लेकिन केंद्र सरकार ने 22 हजार आपदा प्रभावित परिवारों को एक फूटी कौड़ी नहीं दी। राज्य की कांग्रेस सरकार ने अपने संसाधनों से आपदा प्रभावित परिवारों को 4500 करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज देकर उन्हें फिर से बसाया है।