हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के मलोखर के चडाऊ गांव में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार किया है। शनिवार सुबह गांव में पीपल के पेड़ के समीप पानी की सूखी कुहल में एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली। बच्ची के शरीर पर कोई कपड़ा तक नहीं था और वह ठंड में असहाय अवस्था में पड़ी हुई थी।
बच्ची के रोने की आवाज सुनकर आस-पास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत स्थिति की गंभीरता को समझते हुए पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को सुरक्षित निकाला और अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे प्राथमिक चिकित्सा दी जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची की हालत अब स्थिर है, लेकिन उसे लगातार निगरानी में रखा गया है।
इस घटना ने ग्रामीणों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। ग्रामीणों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह घटना समाज में बढ़ती संवेदनहीनता और नैतिक मूल्यों के पतन का प्रतीक है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाए और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि वे आस-पास के क्षेत्रों में जांच कर रहे हैं और बच्ची को यहां छोड़ने वालों का पता लगाने के लिए आस-पास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों के प्रति इस तरह की संवेदनहीनता को रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।