नौकरीपेशा करने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। यदि आप भी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्य हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि अब सरकार आपके पीएफ में जमा पैसे पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स लगा सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार 1 अप्रैल से नए आयकर कानूनों को लागू करने जा रही है। इसके तहत 1 अप्रैल से पीएफ अकाउंट को दो भागों में बांटा जा सकता है जिसपर टैक्स भी लगेगा।
पिछले साल अगस्त में केंद्र ने जीपीएफ (GPF) के ब्याज पर टैक्स की गणना के लिए आयकर नियम 1962 में संशोधन किया था। इस निर्देश के मुताबकि, सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के एंप्लाई कॉन्ट्रिब्यूशन से पीएफ इनकम पर नया टैक्स लागू होगा। हालांकि, नए नियम से छोटे और मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर्स को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
आयकर नियम, 1962 के नियम 9D के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में प्राइवेट नौकरी वालों के पीएफ खाते में 2.5 लाख रुपए तक टैक्स फ्री योगदान का कैप लगाया था। नए आदेश के मुताबिक पांच लाख रुपए से ऊपर जीपीएफ कटवाने वाले सरकारी कर्मचारियों के ब्याज पर टैक्स लगेगा। सरकार ने इनकम टैक्स (25 संशोधन) नियम 2021 लागू कर दिया है। इससे जीपीएफ में अधिकतम टैक्स मुफ्त योगदान की सीमा 5 लाख लागू हो गई है। अगर इसके ऊपर कर्मचारी ने कटौती कराई तो ब्याज आय को इनकम माना जाएगा।