मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अगले वर्ष के लिए सरकार का मुख्य एजेंडा हिमाचल को भारत की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से हुई तबाही के बाद युद्ध स्तर पर बहाली का काम किया गया। हिमाचल प्रदेश सर्दियों के मौसम में पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है। उन्होंने देश-विदेश के पर्यटकों को हिमाचल आने और इसके प्राकृतिक साैंदर्य का आनंद लेने के लिए आमंत्रित किया।मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और राज्य सरकार के प्रमुख निर्णयों और नीतियों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद उनका पहला काम राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारना था। उचित वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करने के प्रयास किए गए हैं।
राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार करते हुए जल्द ही इसमें सकारात्मक बदलाव देखा जाएगा। उन्होंने दस वर्षों के भीतर हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने की परिकल्पना को साकार करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अपने पहले साल में तीन गारंटियां पूरी की हैं। बाकी गारंटियां आगामी चार सालों में चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाहौल-स्पीति जिला की 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को जनवरी, 2024 से 1500 रुपये प्रदान किए जाएंगे। प्रदेश की सभी महिलाओं से किया गया वादा भी चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। अगले वित्तीय वर्ष से विधवा महिलाओं के बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य ने इस मानसून के दौरान सबसे भयंकर प्राकृतिक आपदा का सामना किया। राज्य ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद 4,500 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज की घोषणा की है ताकि प्रभावित लोगों को पर्याप्त सहायता मिल सके।
उन्होंने कहा कि दूरदराज के इलाकों में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया, सड़कों और पुलों को भी युद्ध स्तर पर बहाल किया गया।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती और मुख्यमंत्री के ओएसडी के.एस. बांशटू भी उपस्थित थे।