दुश्वारियां बरकरार, राज्य में भूस्खलन से 1292 सड़कें बंद, कुल्लू में छह लोग मलबे में दबे

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हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को माैसम तो कुछ खुल गया लेकिन दुश्वारियां बरकरार हैं। राज्य में जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं लगातार हो रही हैं। राज्य में छह नेशनल हाईवे सहित 1,292 सड़कें बंद हैं। 2,809 बिजली ट्रांसफार्मर व 1,081 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। चंबा जिले में 204, कुल्लू 225, मंडी 293, शिमला 216, सिरमाैर 91, सोलन 71 व कांगड़ा जिले में 53 सड़कें ठप हैं। बिजली-पानी की आपूर्ति और सड़कें ठप होने से ग्रामीण क्षेत्रों में मुश्किलें बढ़ गई हैं।कुल्लू के इनर अखाड़ा बाजार में भूस्खलन से छह लोग मलबे में दबे, एक की माैत
तीन दिन के अंदर कुल्लू जिला मुख्यालय में भूस्खलन की चौथी घटना सामने आई है। गुरुवार सुबह भूस्खलन की चपेट में दो मकान और आ गए। एक की मौत हो गई है, जबकि तीन लोगों को बचा लिया गया। अभी भी छह लोग मलबे में दबे हैं। इसमें एक महिला भी शामिल है। पिछले कल हुई घटना के दोनों शव भी अभी मलबे में दबे हुए हैं। जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह करीब 7:30 बजे कुल्लू में भूस्खलन हुआ। मलबे के साथ भारी चट्टानें गिरी हैं। इसकी चपेट में आने से इनर अखाड़ा बाजार में दो घरों में नुकसान हुआ। एनडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान चला रहा है। एक महिला और पांच कश्मीरी मजदूर अभी भी घर के अंदर मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। एडीसी कुल्लू अश्विनी कुमार और एसडीएम निशांत कुमार मौके पर मौजूद हैं।

10 सितंबर तक ऐसा रहेगा माैसम
माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कुछ भागों में 10 सितंबर तक बारिश का दाैर जारी रहेगा। आज कुछ भागों में बारिश के आसार हैं। शिमला में भी रात से सुबह तक रुक-रुककर बारिश हुई।  बीती रात धर्मपुर में 74.6, करसोग 69.0, कसौली 67.0, कंडाघाट 59.0, नयना देवी 58.6, भुंतर 55.6, बिलासपुर 50.8, सराहन और शिमला 47.0, काहू 45.0, सोलन 44.4, मनाली 44.0, कुफरी 43.6, नारकंडा 42.0, बग्गी 41.5 व रोहड़ू में 40.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

मानसून में अब तक 343 लोगों की माैत,  5,319 मकान क्षतिग्रस्त
प्रदेश में जारी बारिश के बीच मानसून सीजन के दौरान अभी तक कुल 3,69,041.76 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 3 सितंबर तक 343 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 398 लोग घायल हुए हैं। 43 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 160 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 5,319 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 4,244 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,908 पालतु पशुओं की मौत हुई है।