दिल्ली में फिर लग सकता है मास्क न पहनने पर जुर्माना, कोरोना ने बढ़ाई चिन्ता…..

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दिल्‍ली में कोविड के मामले बढ़ने का ट्रेंड जारी रहा तो पाबंदियां लौट सकती हैं। गुरुवार को पहली बार राजधानी के किसी स्‍कूल से कोरोना केस मिले। नोएडा और गाजियाबाद के स्‍कूलों में भी संक्रमण तेजी से फैला है। एनसीआर के स्कूलों में कोरोना के मामले सामने आने के बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जरूरत पड़ी तो स्‍कूलों के लिए एसओपी जारी की जाएगी। शिक्षा निदेशालय ने सभी निजी स्कूलों से कहा है कि कोरोना का मामला सामने आने पर स्कूल बंद कर दें। यह सुनिश्चित करें कि स्कूल में सभी मास्क पहनें। जितना मुमकिन हो सके सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें।

राजधानी में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 20 अप्रैल को बैठक होगी। इसमें संक्रमण को रोकने के उपायों पर चर्चा होगी। दिल्ली में एक हफ्ते में संक्रमण दर 0.5 फीसदी से बढ़कर 2.70 पर्सेंट हो गई है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं हैं, क्योंकि रोजाना आने वाले नए केसों की संख्या काफी कम है। DDMA ने इस महीने की शुरुआत में सार्वजनिक जगहों पर मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना के फैसले को वापस ले लिया था। साथ ही सभी तरह प्रतिबंध हटा दिए गए थे।

दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने राजधानी के स्कूलों को आगाह किया है। निदेशालय ने सभी प्राइवेट और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को कहा है कि वे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर मुमकिन कदम उठाएं। अगर किसी भी स्कूल में कोई कोविड का मामला सामने आता है तो तुरंत निदेशालय को जानकारी दी जाए। साथ स्कूल को कुछ समय के लिए बंद किया जाए। या फिर उस ब्रांच को बंद किया जाए, जहां केस मिला है। स्कूलों के लिए जारी एडवाइजरी में कहा गया कि सभी स्टूडेंट, टीचर और स्टाफ मास्क पहनें। जितना मुमकिन हो सके, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें।

कोविड-19 से बचाव को लेकर प्राइवेट स्कूल ब्रांच के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन योगेश पाल सिंह ने स्कूलों के नाम एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि स्टूडेंट्स, टीचर्स और स्टाफ मास्क पहनें। जितना मुमकिन हो सके, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। सभी बार-बार हाथ धोएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों से कहा है कि कोविड संक्रमण को लेकर स्टूडेंट्स, टीचर्स, स्टाफ और पैरंट्स को जागरूक करें।