बॉलीवुड के महान अभिनेता और हिंदी सिनेमा के असली ही-मैन धर्मेंद्र का सोमवार दोपहर 89 साल की उम्र में निधन हो गया। न्यूज एजेंसियों के अनुसार, धर्मेंद्र ने दोपहर करीब 1 बजे अपने मुंबई स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर सामने आते ही फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई। धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार मुंबई के विले पार्ले पवन हंस श्मशान भूमि में किया जा रहा है, जहां बड़ी संख्या में सितारे उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।
धर्मेंद्र की पत्नी हेमा मालिनी, बेटी ईशा देओल, साथ ही अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन और आमिर खान जैसे बड़े कलाकार श्मशान घाट पहुंच चुके हैं। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए विले पार्ले श्मशान परिसर में पुलिस बल भी तैनात किया गया है।
करण जौहर बोले “एक युग का अंत”….
निर्देशक करण जौहर ने धर्मेंद्र के निधन की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि यह सिर्फ एक एक्टर का नहीं, बल्कि पूरे युग का अंत है। करण जौहर ने कहा कि धर्मेंद्र सिर्फ एक सुपरस्टार नहीं थे, बल्कि बेहतरीन इंसान थे, जिनके दिल में सभी के लिए अपार प्रेम और सम्मान था। उन्होंने बताया कि धर्मेंद्र की स्क्रीन प्रेजेंस, उनका करिश्मा और उनकी सरलता हमेशा याद रखी जाएगी।
कई दिनों से चल रहे थे अस्वस्थ… रिपोर्ट्स के मुताबिक, धर्मेंद्र को 31 अक्टूबर 2025 को ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसके बाद उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई और 10 नवंबर तक स्थिति गंभीर हो गई। पूरे परिवार हेमा मालिनी, सनी देओल, ईशा देओल, करण देओल, राजवीर देओल और अभय देओल ने उन्हें अस्पताल में जाकर मुलाकात की थी।
11 नवंबर को आई अफवाहों को परिवार ने किया था खारिज…
सिर्फ कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर धर्मेंद्र के निधन की झूठी खबरें वायरल हो गई थीं। इस पर हेमा मालिनी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा था कि “इस तरह की अफवाहें बेहद असम्मानजनक और गैर-जिम्मेदाराना हैं।” उन्होंने लोगों से परिवार की निजता का सम्मान करने की अपील की थी।
भारतीय सिनेमा का चमकता सितारा….
1960 के दशक से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले धर्मेंद्र हिंदी सिनेमा के सबसे लोकप्रिय और सफल सितारों में से एक थे। ‘शोले’, ‘सीता और गीता’, ‘चुपके चुपके’, ‘धर्म वीरा’ और ‘यादों की बारात’ जैसी फिल्मों के जरिए उन्होंने करोड़ों दिलों में अपनी जगह बनाई। उनकी सादगी, व्यक्तित्व और अभिनय क्षमता ने उन्हें हमेशा के लिए दर्शकों के दिलों में अमर कर दिया। धर्मेंद्र का जाना भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका योगदान और उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी।