हिमाचल में सड़क दुर्घटनाओं का एक मुख्य कारण शराब पीकर वाहन चलाना भी उभर कर सामने आया है, ऐसे में पुलिस विभाग अब शराब पीकर वाहन चलाने पर पहली बार पकड़ने जाने पर भी मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 185 के तहत निर्धारित कारावास की सजा के लिए मुकद्दमा चलाएगी। अभी तक यदि कोई व्यक्ति पहले भी शराब पीकर वाहन चलाने के लिए दोषी पाया जा चुका है और दोबारा वही अपराध करता है तो सक्षम अधिकारी को उल्लंघनकर्त्ता के ड्राइविंग लाइसैंस को रद्द करने के लिए सूचित किया जाता था, साथ ही ड्रिंक एंड ड्राइव पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाती थी, लेकिन अब ऐसा करने वालों पर मुकद्दमा चलाकर उन्हें सलाखों के पीछे भी भेजा जाएगा।
इसके साथ ही विभाग द्वारा सरकारी वाहन चालकों द्वारा उल्लंघन किए जाने पर विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए संबंधित विभागाध्यक्ष को सूचना भेजी जा रही है। इसी कड़ी में पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को शराब पीकर वाहन चलाने के बार-बार अपराध करने वालों का डाटा बैंक तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसे वे आगे राज्य के टीटीआर विंग को सौंपेंगे। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार उल्लंघनकर्त्ताओं के ड्राइविंग लाइसैंस निलंबित करने की सिफारिशें राज्य पुलिस द्वारा भेजी जा रही।
देखा जाए तो सड़क सुरक्षा विश्वभर में बड़ी चिंता का विषय है। हर वर्ष हजारों लोग सड़क यातायात दुर्घटनाओं के कारण मर जाते हैं। सड़क यातायात दुर्घटनाओं के कई कारण हैं, जैसे खतरनाक ड्राइविंग, ओवर स्पीडिंग, बिना लाइसैंस के ड्राइविंग, खराब सड़क इंजीनियरिंग और शराब के प्रभाव में ड्राइविंग। प्रदेश में बीते वर्ष सड़क दुर्घटनाओं के 21421 मामले सामने आए। इनमें से प्रदेश पुलिस के यातायात, पर्यटक और रेलवे विंग ने 1 हजार सड़क हादसों के रक्त नमूनों को जांच के लिए राज्य फोरैंसिक विज्ञान प्रयोगशाला को भेजा। इस दौरान विश्लेषण में 229 नमूनों में अल्कोहल की मात्रा पाई गई है, जो कुल नमूनों का लगभग 25 प्रतिशत है। इनमें सबसे अधिक 34 मामले शिमला से जुड़े हैं।
एआईजी टीटीआर विनोद कुमार ने कहा कि विश्लेषण में सड़क दुर्घटनाओं के कई कारण उभर कर सामने आए हैं, जिसमें मुख्य रूप से शराब पीकर वाहन चलाना भी शामिल है। ड्रिंक एंड ड्राइव से जुडे़ मामलों में नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। साथ ही वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा के प्रति विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है।