संत निरंकारी मिशन के जोन नम्बर 5A सोलन के अन्तर्गत जिला सिरमौर की राजगढ़ शाखा के नेहरू ग्रांउंड में जोन स्तरीय महिला समागम का आयोजन किया गया।
ज्ञान को जानना क्या है- वह है जिज्ञासा की लालसा को पैदा करना। इन्सानी जन्म हमें जब मिला है तो हमें सर्वप्रथम हमें सतगुरू की तलाश करनी होगी। जिस प्रकार से हवा चलती है तो कोई कह सकता है कि मैंने हवा को देखा है परन्तु जब हम सतगुरू के द्वारा ज्ञान का आत्मसात् करते हैं तो परमात्मा की पहचान हो जाती है। नारी की इस धरा के साथ तुलना की गई है, जिस प्रकार ये धरती हमारा अनेकों रूप में सेवा कर रही है। नारी ही एक वो शक्ति है जो सशक्त समाज की नींव है।
मिशन के इतिहास का जिक्र करते मोहाली से आई रश्मि राणा जी ने जोन स्तरीय महिला समागम में आई सैकड़ों महिलाओं व उनके साथ आए अनेकों श्रद्धालुओं को अपने सम्बोधन में कहा कि सच्चाई का यह दिव्य संदेश युगों युगों से संतों द्वारा दिया जा रहा है जिसका वर्तमान स्वरूप यह मिशन है। संत निरंकारी मिशन केवल एक रातोरात का सफर नहीं अपितु गुरुओं और संत महात्माओं के बरसों बरस के तप-त्याग का ही परिणाम है कि आज इसका इतना विस्तृत स्वरूप दृष्टिगोचर हो रहा है।
25 मई 1929 को संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई मानवता के इस मिशन को आज 95 साल पूरे हो गए हैं। सत सत नमन मानवता के मसीहा बाबा बूटा सिंह और शहंशाह बाबा अवतार जी को जिन्होंने तप त्याग से मिशन को मजबूती प्रदान की।
ब्रह्मज्ञान की दिव्य रोशनी को जिसने भी प्राप्त किया उसका जीवन उज्ज्वल होता चला गया। जिस प्रकार सूर्यमुखी का पुष्प सूर्य की ओर ही उन्मुख रहता है उसी प्रकार ब्रह्मज्ञानी संत ज्ञान की दिव्य ज्योति में स्वयं को प्रकाशित रखते हैं और दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनते हैं।
बाबा हरदेव सिंह जी का जिक्र करते हुए इन्होने फरमाया कि प्रेम एवं करूणा की सजीव मूरत थे। उन्होंने अपनी सादगी और दिव्य मुस्कुराहट से न केवल भक्तों को निहाल किया अपितु समस्त मानव जाति को कल्याण का मार्ग अपनाकर एक सार्थक एवं संतुष्ट जीवन जीने की कला सिखाई। यही कारण रहा कि वह प्रत्येक वर्ग के लोगों के सदैव प्रिय बने रहे। बाबा जी ने एक पथप्रदर्शक बनकर हर भक्त का हाथ थामा ताकि वह एक सहज एवं सशक्त जीवन जी पाए। आध्यात्मिक जागरुकता के अतिरिक्त समाज कल्याण की गतिविधियों में बाबा जी ने अपना सकारात्मक योगदान दिया जिसमें रक्तदान, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, स्वास्थ्य जाँच शिविर, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा के क्षेत्र इत्यादि जैसी परियोजनाएं अहम है।
संसार में अमन, शांति कायम करने के लिए युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी ने ‘‘एकत्व में सद्भाव,’’ ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्,’’ और ‘‘एक को जानो, एक को मानो, एक हो जाओ’’ इत्यादि जैसे अनेक दिव्य संदेश दिये जिसमें निसंदेह लोक कल्याण की भावना निहित है। इसके अतिरिक्त आपने परस्पर प्रेम और मिलवर्तन के भावों को सुदृढ़ करने के लिए ‘‘दीवार रहित संसार’’ की सुंदर कल्पना को भी साकार रूप प्रदान किया।
वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज, युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी के इसी सत्य संदेश को जनमानस तक पहुंचाने हेतु प्रयासरत हैं; जिनसे निरंकारी मिशन का प्रत्येक भक्त प्रेरणा लेते हुए अपने जीवन को सार्थक बना रहा है।
स्थानीय संत निरंकारी ब्रांच के संयोजक भोला नाथ साहनी ने महिला समागम में स्थानीय प्रसाशन का विशेष रूप से धन्यवाद किया तथा जोन के जोनल इंचार्ज विवेक कालिया का भी धन्यवाद किया कि यह सेवा राजगढ़ के हिस्से में हमें दी गई। इस महिला समागम में अनेकों जिज्ञासुओं को इस परमात्मा की जानकारी दी गई।