जर्जर मकान में रहने को मजबूर भगत राम…

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भगत राम के पास सलेटपोष 2 कमरों का बहुत पुराना व टूटाफूटा मकान है जिसकी छत को भगत राम द्वारा लकड़ी के बारीक से डंडों के सहारे टिकाया है। इस बजुर्ग दम्पती की गुहार सुनने के लिए कोई भी आगे नही आ रहा है ऐसे में कभी भी इनके साथ कोई भी घटना घट सकती है मकान इतनी जर्जर अवस्था में है कि मकान कभी भी गिर सकता है।

भगत का कहना है कि कई बार अधिकारी ,सचिव ,नेता ,प्रधान,मकान का निरीक्षण करने तो आए और आश्वाशन देकर चले गए कि आपको मकान जल्दी मिल जाएगा लेकिन वर्षों बीत गए लेकिन अभी तक हकीकत में कुछ भी सहायता नही मिल पाई । इनका कहना है कि गरीब की कोन सुनता है आखिर गरीब को गरीबी में ही डर डर के जिन्दगी गुजारनी पड़ती है