मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅक्टर प्रवीण कुमार ने बताया कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम गर्भवती महिलाओं तथा नवजात रूगण शिशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत मुफ्त सेवा प्रदान करने पर बल दिया गया है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम शुरू करने का मुख्य उद्देश्य मातृ तथा शिशु मृत्यु दर में भी कमी लाना है। इस योजना के तहत सभी गर्भवती महिलाओं को राजकीय चिकित्सा संस्थानों में प्रसव कराने पर प्रसव संबंधी पूर्ण व्यय का वहन, प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान व प्रसव पश्चात दवाईयां व अन्य कंज्युमेबल्स निःशुल्क उपलब्ध करवाए जाते हैं तथा जांच भी निःशुल्क होती है। कार्यक्रम में प्रसुताओं को मिलने वाली सुविधाएँ उन्होंने बताया कि निःशुल्क संस्थागत प्रसव प्रत्येक गर्भवती महिला को 42 दिन तक बिना किसी लागत तथा खर्चे के स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है। आवश्यकता पड़ने पर निःशुल्क सीजेरियन ऑपरेशन की सुविधाएं सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध करवाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराने से माता के साथ-साथ शिशु की भी सुरक्षा रहती है। जिसमें निःशुल्क इलाज, दवाईयां एवं आवश्यक सामग्री, जांच इत्यादि की सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल तक प्रसव करवाने के लिए 108 नम्बर तथा प्रसव कराने के बाद अस्पताल से घर तक 102 नंबर गाड़ी की व्यवस्था निःशुल्क दी जाती है।
उन्होंने पात्र व्यक्ति से आग्रह किया कि इस योजना के बारे में स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी व आशा से सम्पर्क कर योजना का लाभ उठाएं, और प्रसव अस्पतालों में ही करवाएं जिससे जच्चा व बच्चा दोनों सुरक्षित रहें।