एकीकृत जलागम प्रबन्धन कार्यक्रम परियोजना के संस्थागत निर्माण एवं क्षमता वर्धन के तहत आज प्राकृतिक खेती एवं पशुपालन के लिए लिए सोलन विकास खण्ड की ग्राम पंचायत सेरी में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता खण्ड विकास अधिकारी रमेश कुमार शर्मा ने की। उन्हांेने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रांे के किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ना है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं का लाभ उठाने के लिए उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के लिए पशुधन का होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती रसायनमुक्त होती है। इसको अपनाने से भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है। जागरूकता अभियान के दौरान कृषि, पशुपालन, श्रम विभाग तथा यूको आरसेटी सोलन से विशेषज्ञों ने अपने-अपने विभाग से सम्बन्धित विभिन्न विषयों की जानकारी प्रदान की। कृषि विभाग से संजय ने प्राकृतिक खेती संचालन के लिए विस्तार से लोगों को अवगत करवाया। पशुपालन विभाग से डाॅ. नितिन सहगल ने पशुपालन एवं पशु प्रबन्धन के विषय में जानकारी प्रदान की। श्रम विभाग से मोहन चैहान ने लोगों को मनरेगा व पंचायत भवन निर्माण कार्य में 90 दिन पूरा करने 18 से 60 वर्ष आयुवर्ग के कामगारों को प्रदान की जा रही विभिन्न सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने शिक्षण छात्रवृति, विवाह सहायता राशि, मातृत्व, चिकित्सा, पैंशन व आवास बनाने के लिए सहायता राशि प्रदान की जाती है। ग्राम पंचायत सेरी की प्रधान मीनाक्षी वर्मा, उप प्रधान मोहित वर्मा, पंचायत समिति सदस्य मीना देवी, वार्ड सदस्य सुरेश कुमार शर्मा, पंचायत सचिव सुनीला शर्मा सहित ग्राम पंचायत सेरी के लगभग 150 लोगों ने भाग लिया।