बिलासपुर 11 मार्च – विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा ग्राम पंचायत नोग के कुडाणी गांव में विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सीनियर सिविल जज विक्रांत कौण्डल ने की। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए सस्ता व एक समान न्याय उपलब्ध है जिसका लोगों को लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीब, असहाय, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोग, पुलिस हिरासत में लिए गए व्यक्ति, महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग तथा ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपए से कम हो ऐसे सभी लोगों को विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण न्याय से वंचित ना रहे इस लिए प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जा रही हैं। निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति उपमंडल न्यायालय या जिला न्यायालय स्तर पर प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। निःशुल्क कानूनी सहायता में सरकारी खर्च पर वकील उपलब्ध करवाना, पात्र व्यक्ति को वकीलों के पैनल में से वकील चुनने की सुविधा देना, न्याय शुल्क सहित टाईपिंग और याचिकाओं तथा दस्तावेजों को तैयार करने में होने वाले खर्च को उठाना जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस तरह के विधिक शिविरों का उद्देश्य आम जनता को प्रचलित कानूनों की जानकारी प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि जब भी हम सभी कोई अपराध या गुनाह करते हैं तो हम यह नहीं कह सकते कि हमें कानून की जानकारी नहीं थी और हमें माफ कर दिया जाए। अज्ञानतावश किये गए अपराध की सजा भी भुगतनी पड़ती है, इसलिए हमें हर प्रकार के कानून की जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए। इस अवसर पर अधिवक्ता अनिल कुमार जिला बार संघ बिलासपुर ने घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, दुर्घटना वाहन अधिनियम 2019, महिलाओं के अधिकार तथा कूड़ा प्रबंधन के बारे में जानकारी प्रदान दी। इस अवसर पर श्रम निरीक्षक सुभाष शर्मा ने श्रम विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। शिविर में ग्राम पंचायत प्रधान मया देवी व अन्य वार्ड सदस्यों सहित पंचायत के लगभग 60 लोगों ने भाग लिया।