गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में वार्षिक खेल और सांस्कृतिक मिलन समारोह का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत दिनांक 21 नवंबर, 2024 को कक्षा छठी से बारहवीं के छात्रों ने भाग लिया । इस कार्यक्रम का विषय था- ‘संवर्धन’ ।
कक्षा प्री-नर्सरी से पाँचवीं तक के छात्रों के लिए कार्यक्रम का आयोजन 22 , 2024 को किया जाएगा । ।
प्रथम दिवसीय समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और देवी वंदना से हुई, जिसके बाद मेहमानों का ग्रीन वेलकम किया गया।
आज के कार्यक्रम में छात्रों द्वारा खेलकूद से संबंधित विभिन्न ज्ञानवर्धक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिसमें खेल जगत से जुड़े प्रसिद्ध खिलाड़ियों पर आधारित नृत्य, संगीत और नाटक थे।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधू के जीवन पर आधारित लघु नाटिका जिसमें छात्रों के अभिनय को देखकर सभी दर्शक तालियाँ बजाने के लिए मजबूर हो गए । इसके अलावा छात्रों द्वारा खेलकूद से संबंधित विभिन्न गतिविधियाँ जैसे हुला-हूप, बॉल-ड्रिल तथा योगासन आदि जैसी मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी गईं ।
इन प्रस्तुतियों के माध्यम से छात्रों ने युवा पीढ़ी को आउटडोर खेलों को अपनाने और टी.वी. व मोबाइल से दूर रहने का संदेश दिया।
समारोह में मुख्य अतिथि भूतपूर्व कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर (आई.पी.एस.) वर्तमान अध्यक्ष एच.पी.पी.एस.सी. तथा श्री अजय यादव (आई. ए. एस., एडिशनल डिप्टी कमिश्नर, जिला सोलन, हिमाचल) गेस्ट ऑफ़ ऑनर के रूप में मौजूद थे । विद्यालय के निदेशक श्री सुनील गर्ग , श्री दिनेश गर्ग तथा विद्यालय प्रबंधन समिति के अन्य सदस्यों ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को और भी गरिमा प्रदान की।
इस कार्यक्रम के दौरान शैक्षणिक सत्र 2023-24 में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले तथा विभिन्न विद्यालयों तथा जिला ,राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालय का नाम रोशन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया ।
डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ते हुए उन छात्रों के नाम सभी सभासदों से साझे किए, जिन्होंने राज्य, जिला और राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालय का नाम रोशन किया। यह एक गर्व का पल था, क्योंकि इन छात्रों ने अपनी मेहनत और समर्पण से विद्यालय को सम्मानित किया।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रबंधन समिति ने छात्रों और अभिभावकों के लिए विशेष जलपान का आयोजन किया।
आज के कार्यक्रम का आयोजन न केवल छात्रों के लिए प्रेरणादायक था, बल्कि विद्यालय की सामूहिक भावना और कार्यक्षमता का भी प्रतीक था।