धर्मशाला, गांव ननाओं पालमपुर के प्रथम परमार वने फ्लाइंग आफिसर। 22 दिसंबर 2024 को ननाओं में समस्त परमार परिवारों द्वारा फ्लाइंग आफिसर प्रथम परमार का अभिनंदन किया गया। सर्वप्रथम फ्लाइंग आफिसर अपने परिवार सहित अपने कुल देव अक्षैणा महादेव के दर्शन करने पहुंचे व कुल देवी सच्चियात व माता शीतला का आशीर्वाद लिया। तदुपरांत बैंड बाजों सहित गांव ननाओं पहुंच कर बडे बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया।गांव पहुंचने पर दादा सुबेदार राय सिंह , उर्मिला देवी, प्रिंसीपल सर्वजीत सिंह, दादा चाचा भुपिंद्र सिंह ने फूल मालाएं पहनाकर प्रथम परमार का स्वागत किया व अपना आशीष दिया। तदुपरांत गांव के सामुदायिक भवन में उना भव्य स्वागत किया गया जिसमें समस्त गांव वासियों ने पुष्प वर्षा और फूल मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया।
समारोह में स्थानीय विधायक विपिन परमार,डा जनक राज विधायक भरमौर होशियार सिंह पूर्व विधायक देहरा उनकी धर्मपत्नी पुनिता चंबियाल , कैप्टन संजय पराशर CEO,MARINE IINDIA LTD.ने फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया व अपना आशीर्वाद दिया। समारोह स्थल पर गांव प्रधान लवलीन परमार और समस्त पंचायत सदस्य मौजूद रहे।
महाकाली ग्रुप मंडी ने माता की चौकी में में अपने मधुर स्वरों से सवका मन मोह लिया।
फ्लाइंग आफिसर प्रथम के पिता संजीव परमार भारतीय रेलवे में सीनियर सैक्सन इंजीनियर और माता शिक्षा व्यवसाय में वडी बहन मिनल परमार एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं ।
इनकी प्राथमिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय रे डि कारखाना कपूरथला व कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल में हुई तदोपरांत इनका चयनभारत के प्रतिष्ठित संस्थान महाराजा रणजीत सिंह AFPI मौहाली में हुआ।
आपकी कडी मेहनत और दृढ़ निश्चय के बदौलत आपका चयन NDA खडकवासला में हुआ और वहां तीन साल के कडे परिक्षण के उपरांत आपको फाइटर पलेन उडाने की ट्रेनिंग हेतु Indian Air Force Academy हैदराबाद भेजा गया और अपने सफल परीक्षण के उपरांत भारतीय वायुसेना में बतौर फ्लाईंग आफिसर आपकी नियुक्ति हुई ,जो सभी हिमाचल वासियों के लिए गर्व कि वात है।
फ्लाइंग आफिसर प्रथम परमार देश सेवा में सैन्य सेवाओं में शामिल अपने परिवार कि पांचवीं पीढी हैं,इनके परदादा कैप्टन दयाल सिंह परमार ने दूसरे विश्व युद्ध में भाग लिया था, इनके दादा सुवेदार राय सिंह 1965 और 1972 के भारत पाक युद्ध में व लंका शांति सेना में भाग ले चुके हैं,इनके चाचा कारगिल युद्ध में अपने देश हेतु अग्रिम मोर्चे पर तैनात थे।
प्रथम परमार के घर आगमन पर महामाई कि चौकी का भी आयोजन किया गया था, चौकी के उपरांत सभी मेहमानों हेतु भोज का प्रबंध किया गया। गांव में कार्यक्रम को आयोजित करने में पदम परमार,अजय परमार ,सुवेदार-मेजर चंद्रभान कि सेवाएं अद्वितीय रहीं।
इस कार्यक्रम को सफल वनाने में कपूरथला से विशेष तौर पर पधारे राकेश वशिष्ठ सीनियर सैक्सन इंजीनियर का विशेष योगदान रहा।