हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा के तेजतर्रार और काबिल अधिकारी मोहित चावला अब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे। वे अब इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) में डीआईजी के पद पर अपनी सेवाएं देंगे। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। वर्तमान में वे हिमाचल प्रदेश पुलिस में डीआईजी साइबर क्राइम के पद पर कार्यरत हैं और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने साइबर अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मोहित चावला का जन्म और प्रारंभिक जीवन कुल्लू जिले के अखाड़ा क्षेत्र में हुआ, हालांकि बाद में उनका परिवार हरियाणा के अंबाला में बस गया। उनकी गिनती राज्य के उन चंद अधिकारियों में होती है जिन्होंने शिक्षा और सेवा दोनों में उत्कृष्टता दिखाई है। वर्ष 2010 बैच के हिमाचल कैडर के आईपीएस अधिकारी चावला ने पंजाब विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। यही नहीं, उन्होंने यूजीसी-नेट और जेआरएफ जैसी कठिन परीक्षाएं भी उत्तीर्ण कीं।
सेवा में रहते हुए उन्होंने शिक्षा जारी रखी और नई-नई उपलब्धियां हासिल कीं। हाल ही में उन्होंने इग्नू से साइबर लॉ में स्नातकोत्तर, आईआईएम अहमदाबाद से मानव संसाधन प्रबंधन में स्नातकोत्तर प्रमाणपत्र, आईआईटी चेन्नई से अनुसंधान पद्धति और आईआईटी गुवाहाटी से स्नातकोत्तर प्रमाणन हासिल किया। समाज सेवा और लोक प्रशासन में योगदान के लिए उन्हें आईईसी विश्वविद्यालय ने मानद डॉक्टरेट (पीएचडी) की उपाधि भी प्रदान की है।
डीआईजी साइबर क्राइम के पद पर रहते हुए मोहित चावला ने जिस समर्पण और लगन से काम किया, वह पुलिस विभाग के लिए प्रेरणा बन गया है। जब उन्होंने जिम्मेदारी संभाली तो साइबर अपराधों में रिकवरी दर मात्र 3 प्रतिशत थी। अपनी टीम को मजबूत नेतृत्व और तकनीकी मार्गदर्शन देकर उन्होंने इस रिकवरी को बढ़ाकर 28 प्रतिशत तक पहुंचाया। यह उपलब्धि न केवल हिमाचल बल्कि पूरे देश में मिसाल मानी जा रही है।
मोहित चावला की पुलिस सेवाओं का दायरा बहुत व्यापक रहा है। उन्होंने एएसपी कांगड़ा से लेकर एसपी मंडी, एसपी सतर्कता शिमला, कमांडेंट तृतीय आईआरबी पंडोह, एसपी सोलन, एडीसी राजभवन, एसपी शिमला और एसएसपी बद्दी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। इन पदों पर रहते हुए उनकी कार्यशैली और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता हमेशा चर्चा में रही। वे अपने स्मार्ट व्यक्तित्व और तेज तर्रार कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं।
मोहित चावला को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए कई बड़े सम्मान मिल चुके हैं। वर्ष 2013 में उन्हें हरियाणा सरकार से प्रतिभा सम्मान मिला। वर्ष 2015 में एसपी मंडी के रूप में उनकी सेवाओं के लिए डीजीपी डिस्क दिया गया। इसके बाद 2019 में महामहिम राज्यपाल ने उन्हें एडीसी टाइटल सम्मान से नवाजा। अब तक उन्हें तीन गवर्नर कमेंडेशन और सेना का जीओसी-इन-सी कमेंडेशन (सेना मेडल) भी प्राप्त हो चुका है। वर्ष 2021 में एसपी शिमला के तौर पर उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें दूसरा डीजीपी डिस्क प्रदान किया गया। इतना ही नहीं, फेम इंडिया (एशिया पोस्ट सर्वे 2020) ने उन्हें देश के शीर्ष-50 सबसे लोकप्रिय और प्रशंसित पुलिस कप्तानों की सूची में शामिल किया था।
भारतीय पुलिस सेवा में आने से पहले भी मोहित चावला ने विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों में काम किया। उन्होंने शिक्षक से लेकर शोधार्थी और प्रबंधक से लेकर सहायक तक कई भूमिकाएं निभाईं। डाक विभाग, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया जैसे संस्थानों में कार्य का अनुभव भी उनके व्यक्तित्व को और निखारता है। यही वजह है कि वे अपने हर पद पर अलग पहचान बनाने में सफल रहे हैं।