राजगढ, 26 जुलाई – कारगिल दिवस की 22वीं वर्षगााठ के अवसर पर राजगढ़ के सनातन धर्म मंदिर के सभागार में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस का आयोजन भाजपा मंडल पच्छाद द्वारा किया गया। स्थानीय विधायक रीना कश्यप ने इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर हिमाचल प्रदेश विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी, भाजपा मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र नैहरू, पूर्व मंडल अध्यक्ष एवं प्रदेश भाजपा भाजपा कार्य समिति के सदस्य प्रताप ठाकुर, भाजपा जिला महासचिव बलदेव कश्यप, जिला परिषद सदस्य सतीश ठाकुर व भाजपा पदाधिकारियों ने भी शहीदों को श्रदांजलि दी।
विधायक रीना कश्यप ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देव भूमि के साथ-साथ वीर भूमि के नाम से भी देश में विख्यात है और स्वतंत्रता संग्राम से लेकर अब तक भारत ने जो भी युद्ध अन्य देशों के साथ लडे़ गए हैं उनमें हिमाचल प्रदेश के वीर सपूतों का मातृभमि की रक्षा में अतीत से विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि कारगिल विजय आॅपरेशन सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण युद्ध रहा है और आॅपरेशन में भारतीय सेनाओं द्वारा अपनी जान की परवाह किए बगैर पाकिस्तानी घुसपैठियों को भारतीय सीमा से बाहर खदेड़ने में सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में हमारे देश के 527 वीर जवानों ने मातृभूति की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए थे, जिनमें हिमाचल के भी 52 जवान शामिल थे। कारगिल आॅपरेशन के दौरान भारत सरकार द्वारा दिए गए चार परमवीर चक्र में से दो परमवीर चक्र हिमाचल प्रदेश के जांबाज पालमपुर के शहीद कैप्टन विक्रम बतरा को मरणोपरांत और बिलासपुर के संजय कुमार राईफलमेन को उनकी बहादुरी एवं शौर्य के लिए प्रदान किया गया था। उन्होंने कहा कि शहीदों की शहादत को कृतज्ञ राष्ट्र कभी नहीं भुला पाएगा।
इस अवसर पर उपमंडल अधिकारी कार्यालय राजगढ़ के सभागार में भी कारगिल दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर उपस्थित शहीद सैनिको के परिजनों और सेवानिवृत सैनिकों सहित अधिकारियों व कर्मचारियों को उपमंडल अधिकारी सुरेंद्र मोहन ने देश की एकता और अखण्डता की शपथ भी दिलाई ।
इस अवसर पर एसडीएम ने शहीदों के परिजनों और भूतपर्वू सेनिकों को टोपी व शाॅल पहना कर सम्मानित किया।
इस मौके पर सेवानिवृत सूबेदार मेजर राजेश चैहान ने अपने ड्यिूटी के दौरान के अनुभवों को सांझा किया।
इस अवसर पर कार्यालय परिसर में एसडीएम सहित शहीदों के परिजनों व भूतपूर्व सैनिकों ने देवदार के पौधे रोपित किए।