शिमला, प्रदेश के 5 नगर निगम सहित 60 शहरी निकायों को 50 फीसदी ग्रांट इन एड वापस करनी होगी। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र धर्मानी ने प्रदेश सरकार के इस कार्य पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा की नगर निगम एवं शहरी निकायों जिस प्रकार से इस ग्रांट को 20% तक घटाकर और बची हुई राशि को वापस मंगवाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
यह राशि हर साल सरकार से चार भागों में प्राप्त होती है जिससे इन सभी संस्थाओं में हो रहे विकास को बल मिलता है। इस आपदा की घड़ी में यह निकाय सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है और जब यह राशि सरकार द्वारा वापस मंगवा ली गई है इससे होने वाले कार्यों पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, कई जनप्रतिनिधियों ने तो इस राशि से होने वाले कार्यों की योजना तक बना ली थी और स्वीकृत भी करवा ली थी। कई निकाय तो ऐसी है जहां अपने कर्मचारियों को यह वेतन भी नहीं दे पा रहे हैं इसमें भी इस राशि का बहुत बड़ा योगदान होता है आर्थिकी खराब होने के कारण इन संस्थाओं को सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है।
कांग्रेस सरकार कह रही है कि यह राशि प्रति महीने आएगी पर इस प्रक्रिया के ऊपर प्रश्न चिन्ह तो खड़ा हो ही गया है, अगर यह राशि आने वाले समय में नहीं आई तो इन निकायों को बड़ा नुकसान होगा।
भाजपा ने अपनी सरकार के दौरान इस राशि को बढ़ाने का पूरा प्रयास किया है हर साल इस राशि में 5 से 10% का बढ़ावा दिया गया।
प्रदेश के 5 नगर निगम सहित 60 शहरी निकायों को 50 फीसदी ग्रांट इन एड वापस करनी होगी। इससे त्रासदी के बाद पुनर्वास की योजनाएं बनाने में लगे शहरी निकायों की परेशानी बढ़ गई है। निदेशक शहरी विकास विभाग ने नगर निगम के आयुक्त, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी व नगर पंचायतों के सचिवों को पत्र लिखकर ग्रांट वापस करने के निर्देश दिए हैं। छठे राज्य वित्त आयोग द्वारा जुलाई माह में सभी शहरी निकायों को करीब 153.64 करोड़ रुपए की ग्रांट इन एड जारी की थी। इसमें से 76.82 करोड रुपए वापस करने होंगे। ग्रांट इन एड मिलने से शहरी निकायों ने विभिन्न विकास की योजनाएं बनाकर बजट भी जारी कर दिया है। ऐसे में 50 फीसदी ग्रांट इन एड को वापस करना अब उनके लिए मुश्किल हो गया है । शहरी निकायों को एकमुश्त ही ग्रांट इन एड जारी हो रही थी, लेकिन अब हर माह जारी की जाएगी। पुनर्वास के लिए नगर निगम को मिली 30.89 करोड़ रुपए ग्रांट इन एड भी कम है, लेकिन अब शिमला नगर निगम को इसमें से 15.44 करोड़ रुपए वापस करने होंगे। छठे राज्य वित्त आयोग के तहत शिमला सहित पांचों नगर निगम को कुल 67.49 करोड़ जारी हुए थे । इसमें से 33.74 करोड़ रुपए वापस करने पड़ेंगे। धर्मशाला नगर निगम को 10.64 करोड़ रुपए में से 5.32 करोड़, सोलन नगर निगम को 8.77 करोड़ रुपए में से 4.38 करोड़ मंडी नगर निगम में 8.60 करोड़ रुपए में से 4.30 करोड़ रुपए और पालमपुर नगर निगम को 8.58 करोड़ रुपए में से 4.29 करोड़ रुपए वापस करने होंगे। प्रदेश में 29 नगर परिषद हैं । इन सभी नगर परिषद को ग्रांट इन एड के तहत 66.60 करोड़ रुपए जारी हुए थे, लेकिन इसमें 50 फीसदी यानी 33. 30 करोड़ रुपए वापस करने होंगे। प्रदेश की 24 नगर पंचायतों को भी ग्रांट इन एड के तहत 19.54 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इसमें से अब 9.77 करोड़ रुपए वापस करने होंगे।