आपदा के जख्मों पर राहत का मरहम, फिर से बसने लगी उजड़ी जिंदगियां

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जनपद के सराज विधानसभा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण जो आपदा आई है उसमें एक नहीं बल्कि अनेकों संस्थाएं और लोग स्वेच्छा से मदद के हाथ आगे बढ़ा रहे हैं। सराज की बात करें तो कोई यहां बिस्तर लेकर पहुंच रहा है तो कोई बर्तन लेकर। कोई कपड़े, जूते और चप्पल बांट रहा है तो किसी ने कपड़ों का भंडार लगा रखा है। कोई राशन बांट रहा है तो किसी ने 24 घंटे लंगर लगा रखा है। दवाइयां निशुल्क देने के साथ ही निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर भी लगाए जा रहे हैं। खास बात तो यह है कि बहुत से दानी सज्जन आर्थिक मदद भी प्रभावितों को बांटने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। प्रभावितों की जिंदगी फिर से शुरू हो सके, इस दिशा में अनेकों संस्थाएं और दानी सज्जन यहां आकर राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। आपदा प्रभावित भारती, मस्त राम और चमन लाल ने बताया कि तन पर पहने कपड़ों के सिवाय उनके पास और कुछ भी शेष नहीं बचा है। दानी सज्जनों की मदद से जो सामान मिल रहा है उससे जिंदगी की नई शुरूआत करने का प्रयास कर रहे हैं। इन्होंने ऐसी सभी संस्थाओं और दानी सज्जनों का आभार जताते हुए दूर-दराज के उन क्षेत्रों में भी राहत सामग्री पहुंचाने की अपील की है जहां अभी सड़कें बहाल नहीं हो पाई हैं।

मददगारों का आभार, लेकिन धोखेबाजों से रहें सावधान
पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपदा के दौरान मदद के लिए आगे आई संस्थाओं और दानी सज्जनों का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि इसी मदद के कारण प्रभावितों को नए जीवन की शुरुआत में काफी मदद मिल रही है। जयराम ठाकुर ने लोगों से आपदा के दौरान सक्रिय हो रहे जालसाजों से सचेत रहने की अपील भी की है।

 उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मदद के नाम पर पैसा एकत्रित कर रहे हैं, लेकिन यह मदद प्रभावितों तक नहीं पहुंच पा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे सराज में स्वयं आकर प्रभावितों को मदद पहुंचाएं ताकि वास्तविक प्रभावितों तक उनकी यह मदद पहुंच सके। उन्होंने कहा कि सराज के सभी आपदा प्रभावितों की भाजपा के पास पूरी सूची उपलब्ध है।

मददगारों की कोई गिनती ही नहीं
सराज में आई आपदा में लोग दिल खोलकर मदद के हाथ आगे बढ़ा रहे हैं। यहां मदद के लिए आ रही संस्थाओं और दानी सज्जनों की कोई गिनती ही नहीं है। इसलिए हम भी कुछ संस्थाओं का जिक्र न करते हुए उन सभी को साधुवाद देना चाहते हैं जो इस पुनीत कार्य में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए आपदा प्रभावितों की मदद में जुटे हुए हैं।