जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में शहीद हुए अरविंद सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में किया गया। शहीद की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनके अंतिम संस्कार की तैयारी पूरे सम्मान के साथ की गई। शहीद की अंतिम यात्रा की शुरुआत उस समय हुई जब सेना का वाहन उनके पार्थिव शरीर को पालमपुर से उनके गांव की ओर ले आया। यह दृश्य गांव में भावनात्मक और शोकपूर्ण था।
गांव में जब सेना का वाहन पहुंचा, तो वहां शोक का माहौल छा गया। लोग अपने आंखों में आंसू लिए हुए थे और हर तरफ “अरविंद सिंह अमर रहे” के नारे गूंज रहे थे। शहीद के छोटे भाई परमजीत सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी, जो उनके परिवार के लिए एक अत्यंत भावुक और कठिन क्षण था। इस दुखद अवसर पर सेना के अधिकारी, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, डीसी अमरजीत सिंह, तहसीलदार और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने शहीद को अंतिम विदाई दी और उनके परिवार को सांत्वना प्रदान की।अरविंद सिंह के अंतिम संस्कार में पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ उनके योगदान को याद किया गया। उनके बलिदान ने गांववासियों को गहरा दुख पहुंचाया, लेकिन उनके प्रति सम्मान और प्यार भी उजागर हुआ। शहीद की यादें और उनका बलिदान हमेशा उनके गांव और देश के लोगों के दिलों में अमर रहेगा। उनके परिवार और समुदाय के लिए यह एक कठिन समय था, लेकिन उनके साहस और शौर्य की गाथा हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।