हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव प्रचार में भाजपा हिमाचल के मुद्दों को भुना रही है। भाजपा नेता प्रचार के दौरान प्रदेश के आर्थिक तंगहाली और समय पर कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के मुद्दे को जोरशोर से उठा रहे हैं। इसके अलावा इन राज्यों के स्थानीय नेता भी कांग्रेस को घेरने के लिए हिमाचल का उदाहरण देने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा जेपी नड्डा, अनुराग ठाकुर और जयराम ठाकुर कांग्रेस को चौतरफा घेर रहे हैं। कांग्रेस ने काउंटर करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा जैसे नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया गया है। हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ समय में दो ऐसे बड़े घटनाक्रम हुए, जो राष्ट्रीय मीडिया में भी छा गए। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि चार तारीख को भी कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा सका। इसे पांच सितंबर को जारी किया गया। इसके अलावा पेंशन 10 सितंबर को दी गई। भाजपा इसे आर्थिक संकट के रूप में प्रचारित कर रही है, जबकि मुख्यमंत्री सुक्खू इसे वित्तीय अनुशासन के तहत उठाया गया कदम बता रहे हैं कि कर्ज के अतिरिक्त ब्याज से बचने के लिए वेतन और पेंशन को थोड़ा आगे टाला गया।
मंत्री कुछ कह रहे, विधायक कुछ और
अंबाला और पंचकूला के चुनाव प्रभारी प्रो. सिकंदर कुमार का कहना है कि हरियाणा के लोगों को बताया जा रहा है कि कांग्रेस की गारंटियों की पोल हिमाचल में खुल चुकी है। एक तारीख को वेतन और पेंशन न देने का उदाहरण आर्थिक तंगहाली के रूप में दिया जा रहा है। मस्जिद मामले में भी हिमाचल की कांग्रेस सरकार का रुख स्पष्ट नहीं है। मंत्री कुछ कह रहे हैं और विधायक कुछ बोल रहे हैं। इसका सच भी लोगों को बताया जा रहा है।
बताई जा रही सरकार की हकीकत : रणधीर
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कर्मचारियों और पेंशनरों को समय पर पेंशन न देना हिमाचल सरकार की वित्तीय असफलता का उदाहरण है। इसे लेकर भाजपा हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भी प्रचार कर कांग्रेस की हकीकत बता रही है।
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