हिमाचल प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ‘कम एण्ड इन्सटाल सोलर पावर प्रोजेक्ट्स’ पहल पर कार्य कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में निजी क्षेत्र में सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने वाले युवाओं और उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है। यह जानकारी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, ऊर्जा व अन्य सम्बन्धित विभागों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि ‘कम एण्ड इन्सटाल सोलर पावर प्रोजेक्टस’ पहल के तहत सौर ऊर्जा परियोजनाओं के आवेदन व प्रक्रियाओं पर त्वरित निर्णय लेने के निर्देश दिए गए हैं। आवेदकों की सुविधा के लिए सभी अड़चनों को समयबद्ध दूर किया जा रहा है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस क्षेत्र में दक्षता को और अधिक बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की भूमिका अहम है। सौर ऊर्जा परियोजनाओं से क्षेत्र की आर्थिकी को संबल मिलता है और युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं। सौर ऊर्जा परियोजनाएं पारिस्थितिकीय संतुलन और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में निजी क्षेत्र में कुल 300 मैगावाट क्षमता की ग्रांऊड मांउटिड सौर ऊर्जा परियोजनाएं आवंटित की गई हैं जिनमें से 62 मैगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं। सरकारी क्षेत्र में 32 मैगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की जा चुकी है और 15 मैगावाट क्षमता की परियोजना निर्माणाधीन है।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के विभिन्न कार्यों की समीक्षा करते हुए बोर्ड का राजस्व व संसाधन बढ़ाने के लिए नवोन्मेषी प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी विभिन्न परियोजनाओं में संसाधनों के सदुपयोग के साथ साथ उत्पादन क्षमता में सुधार के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सुझाव दें।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विभिन्न उपक्रमों व परियोजनाओं से ऊर्जा की खरीद व व्यय सम्बन्धित पहलुओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने विद्युत की विवेकपूर्ण खरीद और संसाधनों के सदुपयोग पर विशेष बल दिया। उन्होंने विद्युत बोर्ड में टेंडर प्रक्रिया में सम्पूर्ण पारदर्शिता व समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मंडल और वृत्त स्तर पर होने वाले तकनीकी और वाणिज्यिक नुक्सान के बारे में विस्तृत जानकारी ली और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को बेहतर प्रबन्धन के लिए रेवेन्यू मैपिंग करने के लिए भी जरूरी कदम उठाने को कहा।
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, राज्य विद्युत बोर्ड के प्रबन्ध निदेशक संदीप कुमार, निदेशक ऊर्जा राकेश कुमार प्रजापति, विशेष सचिव ऊर्जा अरिंदम चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।