सेहरा बांधने से पहले शहादत, बहनों की आंखों के आंसू बने कुर्बानी के गवाह

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देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के लांस नायक पैरा कमांडो प्रवीण शर्मा की वीरता ने एक परिवार को अनंत दुख में डुबो दिया है। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए उन्होंने अपनी जान न्योछावर कर दी। उनके परिवार के लिए यह समय बेहद कठिन है, क्योंकि दो महीने बाद अक्टूबर में प्रवीण की शादी होनी थी। परिवार ने उनका रिश्ता तय कर लिया था और 6, 7, और 8 अक्टूबर को शादी का पूरा कार्यक्रम तय किया गया था। लेकिन अब उनकी शहादत की खबर ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है।जानकारी के अनुसार, जिस घर से प्रवीण शर्मा सेहरा बांधकर बारात लेकर अपनी दुल्हन को लाने वाले थे, अब उसी घर में तिरंगे में लिपटी उनकी पार्थिव देह पहुंचेगी। रक्षा बंधन से कुछ ही दिन पहले अपनी दो छोटी बहनों को हमेशा के लिए रुलाकर प्रवीण इस दुनिया को अलविदा कह गए। माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा भी उनसे छिन गया है।

प्रवीण शर्मा हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के उपमंडल राजगढ़ की उप तहसील पझौता के पालू गांव के निवासी थे। वे शनिवार को अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पालू पहुंचेगा, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा

हाब्बन पंचायत की प्रधान रीना ठाकुर और शहीद के परिवार के करीबी पंचायत के उप प्रधान देवराज शर्मा ने प्रवीण शर्मा की शहादत पर शोक व्यक्त किया। 4 मार्च 1994 को जन्मे 30 वर्षीय लांस नायक पैरा कमांडो प्रवीण शर्मा अपने पीछे पिता राजेश शर्मा (54), माता रेखा शर्मा (53), और दादी चंपा देवी (72) को छोड़ गए हैं। उनकी दो छोटी बहनें आरती (28) और पूजा (27) भी हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। प्रवीण अपने माता-पिता का इकलौता बेटा और दोनों बहनों का इकलौता भाई था। परिवार ने उनका रिश्ता डूडर गांव की अक्षिता शर्मा के साथ तय किया था। लेकिन प्रवीण की शहादत की खबर ने पूरे परिवार और क्षेत्र को गमगीन कर दिया है ।

शहीद के पिता गांव में एक छोटी सी दुकान भी चलाते हैं। अक्टूबर में होने वाली बेटे की शादी की तैयारियां परिवार के बीच शुरू हो चुकी थीं, लेकिन अनहोनी को कुछ और ही मंजूर था। सेहरा बांधने से पहले ही बेटा मां भारती पर कुर्बान हो गया। रक्षा बंधन पर अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की उम्मीद में बैठी दोनों बहनों का भी रो-रोकर बुरा हाल है। इस परिवार की सारी खुशियां पल भर में मातम में बदल गईं।

लांस नायक पैरा कमांडो प्रवीण शर्मा ऑपरेशन रक्षक के तहत अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। भारतीय सेना ने उनके परिवार को उनकी वीरगति की सूचना दी। वह वन पैरा स्पेशल फोर्स में तैनात थे।

डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने बताया कि शहीद की पार्थिव देह सोमवार सुबह चंडीगढ़ पहुंचेगी। प्रशासन द्वारा चंडीगढ़ से पार्थिव देह को लाने के लिए एम्बुलेंस का प्रबंध किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एसडीएम राजगढ़ को भी उचित दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सोमवार को पैतृक गांव हब्बन में सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा

दीगर है कि ग्राम पंचायत इलाके से देश के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने वाले प्रवीण शर्मा तीसरा युवक बना हैं। शिवपुर गांव से शहीद भीम सिंह व पालू गांव से हितेश शर्मा भी वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं।

रविवार दोपहर बाद शहीद के घर तक संपर्क मार्ग का निर्माण भी शुरू कर दिया गया था लेकिन बारिश की वजह से कार्य बाधित हुआ।