मैने देश के लिए 1962,65 और 71 का युद्ध लड़ा उस समय मेरी तनख्वाह मात्र 35 रुपए थी लेकिन अब 55000 रुपए पेंशन मिलती है। जिंदगी में 1—1 रुपए जोड़कर 16 लाख एकत्रित किया था सोचा जिंदगी अच्छी निकलेगी। बीवी को भी कैंसर होगा हो गया अंतिम स्टेज पर है उम्र भी अब 85 साल हो चुकी है। जो सब कमाया वो दी सुबाथू अर्बन कृषक ऋण एवम बचत सहकारी समिति में जमा करा दिया। जब पैसे की जरूरत पड़ी तो अब समिति वाले दे नहीं रहे है। क्या करूं सब कुछ खत्म हो गया, ये कहानी है 85 साल के भीम बहादुर की। सेना में अपनी सेवाएं दे चुके भीम सूबेदार के पद से सेवानिवृत हुए है। ये कहानी सिर्फ उनकी नही बल्कि दी सुबाथू अर्बन कृषक ऋण एवम बचत सहकारी समिति में पैसा जमा करवाने वाले हर शक्श का है। किसी ने 1 लाख तो किसी ने 20 लाख जो भी था वो सब वहां जमा करा दिया। लेकिन उनका ये पैसा समिति के पुराने प्रबंधक खा गए। ये आरोप आज उन लोगों ने लगाया जो आज सहकारी समिति के सोलन ऑफिस अपनी शिकायत को लेकर सहायक रजिस्ट्रार गिरीश नड्डा के पास पहुंचे थे। हाथों में पटिकाएं लिखे समिति के खिलाफ लोग अपना रोष प्रकट कर रहे थे।।समिति के वर्तमान अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पुराने अध्यक्ष ने अपने परिवार और रिश्तेदारों को 18 करोड़ का लोन दे दिया जो अब 20 करोड़ हो चुका है। लोग परेशान है लेकिन अब वो पैसा नही दे रहे है। या तो लोगों के पैसे वापिस दे दिए जाए या फिर उन लोगो को गिरफ्तार किया जाए।
इस बारे में सहायक रजिस्ट्रार गिरीश नड्डा ने कहा कि इस बारे में कानूनन कार्यवाही की जा रही है जल्द ही उनकी चल और अचल संपत्ति को सीज कर दिया जायेगा