जलरक्षकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधानसभा के मानसून सत्र के नौवें दिन विधानसभा के बाहर प्रदेश भर से जल रक्षक अपनी मांगों को लेकर जुटे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। चौड़ा मैदान से विधानसभा की और कूच कर रहे जल रक्षकों को पुलिस ने बेरिगेट्स लगाकर रोका, जहां जलरक्षकों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।जल रक्षक महासंघ के अध्यक्ष रूपलाल ने बताया कि सरकार उनकी मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं है। लाखों रुपए सैलरी लेने वालों को तो समय से सैलरी मिल रही हैं, लेकिन चार-पांच हजार लेने वालों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा। उन्होंने कहा कि कम सैलरी में घर चलाना मुश्किल हो रहा हैं। 12 साल की नौकरी पूरा कर चुके लोगों को रेगुलर किया जाए। कॉन्ट्रैक्ट का समय 12 साल से घटाकर 8 वर्ष कर स्थाई नीति बनाई जाए।उन्होंने कहा कि लाखों रुपए सैलरी लेने वालों की तनख्वाह पांच दिन देरी से मिली तो विपक्ष ने भी मामला सदन में पूरजोर से उठाया, लेकिन हमारी आवाज विपक्ष भी नहीं उठा रहा। उन्होंने कहा कि सीएम ने न्यूनतम वेतनमान देने की बात कही थी, लेकिन मिलेगा कब पता नहीं। सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार कोई सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर न करें। सरकार उनकी बात आज नहीं सुनती हैं तो यहीं भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।