सिरमौर के हाटी समुदाय को नए साल का तोहफा, मिल गया ST का दर्जा…

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सिरमौर  के ट्रांसगिरी क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा मिल गया है। सूबे की सुक्खू सरकार ने केंद्र की अधिसूचना पर मोहर लगा दी है। हाटी को एसटी का दर्जा देने को लेकर केंद्र सरकार   से स्पष्टीकरण मिलने के बाद सुक्खू सरकार ने यह निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू  ने आज कैबिनेट बैठक के बाद शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।

     मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मिलने के 10 घण्टे के भीतर हमारी सरकार ने हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि वह 3 जनवरी को नाहन का दौरा कर वहां के लोगों से इस विषय पर बात करेंगे।

 बता दें कि ट्रांसगिरी क्षेत्र में हाटी समुदाय के लोग 1967 से उत्तराखंड के जौनसार बाबर को जनजाति दर्जा मिलने के बाद से संघर्षरत थे। लगातार कई वर्षों तक संघर्ष के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी समुदाय की मांग को 14 सितंबर 2022 को अपनी मंजूरी दी थी। उसके बाद केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर 2022 को इस बिल को लोकसभा से पारित करवाया। उसके बाद यह बिल राज्यसभा से भी पारित हो गया। राज्यसभा से पारित होने के बाद सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इसे राष्ट्रपति के लिए भेजा गया था। 9 दिनों में ही राष्ट्रपति ने विधेयक पर लगाई मुहर लगा दी थी।

     हाटी समुदाय में करीब 2 लाख लोग 4 विधानसभा क्षेत्र शिलाई, श्री रेणुका जी, पच्छाद तथा पांवटा साहिब में रहते हैं। जिला सिरमौर की कुल 269 पंचायतों में से ट्रांसगिरी में 154 पंचायतें आती हैं। इन 154 पंचायतों की 14 जातियों तथा उप जातियों को एसटी संशोधित विधेयक में शामिल किया गया है।