सरकार द्वारा बदले गए स्कूलो मे एडमिशन के नियम, कैसे बना परेशानी का सबब जानिए…

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सरकार द्वारा 24 नवंबर 2023 को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार पहली कक्षा में प्रवेश की आयु सीमा 6 वर्ष निर्धारित की गई है। सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन से पिछले 2 वर्ष से लगातार स्कूल जा रहे बच्चों के भविष्य पर तलवार लटक गई है। उन बच्चों को इस वर्ष भी उसी कक्षा में बैठना होगा, जिस कक्षा में वे पिछले एक वर्ष से थे, क्योंकि उनका दाखिला स्कूल में उस समय करवा दिया गया था, जब पहली कक्षा में प्रवेश की तिथि 5 वर्ष सरकार द्वारा निर्धारित की गई थी। अभिभावकों ने अपने बच्चों को पूरे वर्ष स्कूल में भेजा उनकी फीस दी, परंतु बच्चों को कोई भी फायदा पूरे वर्ष में नहीं मिल पा रहा है। सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी होने के बाद भी स्कूलों द्वारा बच्चों के अभिभावकों से जनवरी, फरवरी या मार्च की फीस के साथ परीक्षा शुल्क की भी पूरी वसूली की गई है, जबकि स्कूलों को उन बच्चों की फीस माफ करनी चाहिए थी या अभिभावकों को उसी समय अवगत भी करवा देना चाहिए था।

पांवटा साहिब तहसील के कोलर गांव से संबंध रखने वाले अभिभावकों प्रदीप कुमार व बनिता देवी, अरविन्द कुमार व डिम्पी, वेद प्रकाश व निशी देवी, भूपिंदर सिंह व अंजली देवी का कहना है कि उनके बच्चे पांवटा साहिब के प्रतिष्ठित स्कूलों में पिछले 2 वर्ष से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। चूंकि पहले पहली कक्षा में प्रवेश की उम्र 5 वर्ष निर्धारित थी, लिहाजा उन्होंने भी बच्चों की एडमिशन शहर के बेहतरीन स्कूलों में करवा दी थी। साथ ही एडमिशन के लिए भारी भरकम फीस भी अदा की थी।

     अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रशासन रिजल्ट के समय सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन से अवगत करवा रहा है, जिससे बच्चों का एक साल पूरी तरह से खराब होना निश्चित है। इसका खमियाजा उनके बच्चों को भुगतना पड़ेगा, जो पूरे 2 साल से स्कूल जा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार द्वारा नया नियम उन बच्चों के लिए लागू करना चाहिए, जिनकी अभी स्कूल में एडमिशन ही नहीं हुई है।

अभिभावकों का कहना है कि सरकार के इस नियम से स्कूलों को फायदा दिया गया है, उनकी एक क्लास बढ़ा दी गई है, जिसकी जरूरत बिल्कुल भी नहीं है, जबकि आज तक 5 वर्ष पूर्ण किए बच्चे ही पहली कक्षा में प्रवेश का अधिकार रखते थे।

     सरकार इस नियम को प्रति माह शुल्क, प्रवेश शुल्क और उसके अतिरिक्त परीक्षा शुल्क या बच्चे का एक वर्ष देकर अभिभावक खुद व बच्चे को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। अभिभावकों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि दो वर्ष से स्कूल जा रहे बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश का अवसर दिया जाए या दी गई छूट में एक या दो महीने की अतिरिक्त छूट दी जाए, ताकि बच्चों को उनके एक वर्ष का तथा अभिभावकों को उनके द्वारा दी गई फीस, प्रवेश शुल्क व परीक्षा शुल्क का लाभ मिल सके।