प्रदेश सरकार द्वारा अनेक नई योजनाएं आरंभ कर प्रदेश में प्रगति के एक नए युग का सूत्रपात हुआ है प्रदेश सरकार ने अपने स्वर्णिम दृष्टि पत्र को प्रमुख नीति दस्तावेज बनाकर इसे कार्यान्वित किया है। पिछले 5 वर्षों में संवेदनशील व जवाबदेही प्रशासन प्रदान कर जन समस्याओं का घर द्वार पर ही समाधान उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया है। प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने यह बात आज घुमारवीं में लोगों की समस्याओं को सुनने के पश्चात कहीं। इस अवसर पर उन्होंने लगभग 50 शिकायतों को सुना तथा अधिकांश शिकायतों का मौके पर ही निपटारा कर तथा शेष शिकायतों के निपटारे हेतू सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये।उन्होंने कहा कि जनमंच के माध्यम से जन शिकायतों को मौके पर ही समाधान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 पर कोई भी व्यक्ति कॉल कर अपनी शिकायत, मांग और सुझाव दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष के कार्यकाल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार सुधार किया गया है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से पंजीकृत सरकारी व निजी अस्पतालों में दाखिल होने पर 5 लाख रूपये तक प्रति परिवार प्रति वर्ष निःशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है, तथा हिमकेयर योजना के माध्यम से अस्पताल में दाखिल होने पर 5 लाख रूपये तक निशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में है 6.18 लाख परिवार हिम केयर योजना में पंजीकृत किए गए हैं जबकि 3.08 लाख लोगों को 285.35 करोड रुपए खर्च किए गए हैं । उन्होंने कहा कि हिम केयर में कार्ड बनाने के लिए गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों मनरेगा कर्मियों व पंजीकृत रेहड़ी फड़ी वालों को कोई भी प्रीमियम नहीं देना होता जबकि एकल नारी 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग, 70 वर्ष की आयु से अधिक वृद्धजन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाआ,ें आशा व मिड डे मील कार्यकर्ता,दिहाड़ीदार, अंशकालिक तथा आउट सोर्स अनुबंध कर्मचारियों के लिए मात्र 365 रूपये प्रति वर्ष प्रीमियम निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी गांव व बस्तियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए महत्वकांक्षी जल जीवन मिशन कार्यान्वित किया जा रहा है। जल जीवन मिशन के तहत भारत सरकार द्वारा प्रदेश को 4111 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे जिससे अब तक 8.65 लाख नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के एकल परिवार में रहने वाले गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति को मुख्यमंत्री सहारा योजना से स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त देखभाल के लिए 3 हजार रुपए प्रति महा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है इस योजना के अंतर्गत लगभग 20 हजार लाभार्थियों पर 80 करोड रुपऐ व्यय किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर व आवास हीन पात्र परिवारों को आवास उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के 7091 परिवारों को मकान स्वीकृत किये गए ह,ैं जिस पर 89.49 करोड़ खर्च किए गए हैं तथा सभी आवासीय योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि को 1.30 लाख से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपए किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में बागवानी के विकास के लिए एचपी शिवा योजना के अंतर्गत अमरुद, लीची, नींबू व अनार का पायलट प्रोजेक्ट आधार पर उत्पादन किया जा रहा है। परियोजना के अंतर्गत जिला बिलासपुर के लजंता में कल्सटर स्थापितर किया गया है तथा तलवाड़ा,,मैहरी-काथला,देहरा,नालटी परनाल तथा छिब्बर एफएलडी स्थापित किये गये