केलांग- गत 27 जुलाई को उदयपुर क्षेत्र में हुई भारी बारिश और बाढ़ के चलते सड़कों, पुलों, पेयजल व सिंचाई योजनाओं और बिजली व्यवस्था को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने लाहौल घाटी के लिए 10 करोड़ की तुरंत राहत राशि मंजूर की है। तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने आज उपायुक्त कार्यालय सभागार में बहाली के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये बात कही। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार जताते हुए कहा कि सरकार ने इसके अलावा किसानों के लिए अपनी नकदी फसलों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए 2500 से 3000 रुपए प्रति पिकअप लोड की दर से परिवहन उपदान की भी घोषणा की है। उन्होंने सड़क पर कुछ चिन्हित जगहों पर लोडिंग पॉइंट तैयार करने के भी निर्देश दिए ताकि सड़क पर यातायात सुचारू रहे।
डॉ रामलाल मारकंडा ने कहा कि सरकार द्वारा दी गई इस तुरंत राहत राशि से लोगों को बहुत बड़ी राहत मिली है और बहाली के काम की गति को भी तेजी मिलेगी।
भारी बारिश से मलबे के कारण प्रभावित थिरोट बिजली परियोजना की बहाली के साथ-साथ अटल टनल रोहतांग से भूमिगत पावर सप्लाई केबल को बिछाने के कार्य को भी बिजली बोर्ड प्राथमिकता के आधार पर तुरंत शुरू करे ताकि सर्दियों के मौसम में घाटी में बिजली की सुविधा में कोई व्यवधान ना रहे। उन्होंने कहा कि इस अप्रत्याशित बारिश और बाढ़ के चलते जल शक्ति विभाग के अलावा ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित सिंचाई कूहलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि विशेष तौर से ग्रामीण विकास विभाग द्वारा तैयार की गई इन कूहलों की अविलंब मरम्मत की जरूरत है।
उपायुक्त नीरज कुमार ने बैठक के दौरान बताया कि इसको लेकर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आदेश जारी किए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इनकी मरम्मत के कार्य को जल्द पूरा किया जाए। आदेश की प्रति संबंधित खंड विकास अधिकारी को भी भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस आदेश में यह प्रावधान भी किया गया है कि यदि आदेश की उल्लंघना की गई तो अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही भी होगी।
उपायुक्त नीरज कुमार ने डॉ रामलाल मारकंडा को अवगत किया कि बहाली के काम की निगरानी के लिए सरकार द्वारा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मंडी को विशेष निगरानी अधिकारी के तौर पर 31अगस्त तक तैनात किया गया है ताकि विभिन्न विभागों के बीच समन्वय रहे और बहाली सुनिश्चित की जा सके।
डॉ रामलाल मारकंडा ने जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता को भी निर्देश दिए कि विभाग उन पेयजल और सिंचाई योजनाओं की बहाली के काम को तैयार की गई कार्य योजना के तहत शुरू करे जो अभी तक बाधित हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को भी कहा कि चंद्रभागा नदी के बाएं तट की तरफ से वाया लिंगर संपर्क सड़क निर्माण को लेकर सर्वेक्षण कार्य जल्द शुरू किया जाए ताकि घाटी के लोगों को सड़क की एक वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध रहे।
उन्होंने यह भी बताया कि विशेषकर सर्दियों और बरसात के दिनों में आपदा प्रबंधन के कार्य को व्यवस्थित और विशेषज्ञता के साथ अंजाम देने के मकसद से सिसु में आपदा प्रबंधन बल की तैनाती को लेकर मुख्यमंत्री से आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आपदा के समय खोज एवं राहत के लिए ड्रोन सर्विलांस की आवश्यकता महसूस की जा रही है। ऐसे में ड्रोन कैमरों की उपलब्धता को भी सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में उपायुक्त नीरज कुमार, पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा, जनजातीय सलाहकार परिषद सदस्य शमशेर, एसडीएम प्रिया नागटा, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग विनोद धीमान, पुलिस उपाधीक्षक हेमंत कुमार,अधिशासी अभियंता बिजली बोर्ड विक्रम राणा के अलावा अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।