रोबोटिक सर्जरी प्रोस्टेट कैंसर मरीजों के लिए वरदान की तरह: डा. रोहित डढवाल

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रोबोट-एडेड सर्जरी के माध्यम से प्रोस्टेट कैंसर से पीडि़त बुजुर्ग का सफलतापूर्वक किया इलाज , रोबोट-एडेड सर्जरी न्यूनतम रक्त स्त्राव, कम दर्द, कम निशान, कम अस्पताल में रहने और तेजी से ठीक होने को सुनिश्चित करती हैसोलन,

चिकित्सा जगत में आई नई क्रांति से गंभीर से गंभीर मरीजों को बचाना संभव हो पाया है, वहीं रोबोटिक सर्जरी किडनी व प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों के लिए वरदान की तरह साबित हो रही है, यह बात जाने माने यूरोलॉजिस्ट डा. रोहित डढवाल ने सोलन में आयोजित एक प्रैस कान्फ्रेंस में कही, जो कि हाथों की बजाए ‘दा विंची’ रोबोटिक सर्जरी से मरीज को उपचार के दौरान मिलती राहत जैसे खून की बर्बादी, कम दर्द, कम निशान व तुरंत राहत संबंधी जागरूक करने के लिए शहर में पहुंचे थे।

फोर्टिस अस्पताल में यूरोलॉजी, रोबोटिक और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी विभाग के कंस्लटेंंट डॉ. रोहित डढवाल ने बताया कि हाथों की बजाए रोबोटिक सर्जरी मरीज के लिए कम तकलीफ व ज्यादा लाभदायक साबित हुई है। उन्होंने बताया कि मरीज के आप्रेशन के दौरान शरीर के जिन हिस्सों तक हाथ पहुंचाना मुश्किल था, अब 360 डिग्री तक घूमने वाले रोबोट की मदद से वहां पहुंच की जा सकती है। उन्होंने बताया कि कैंसर को जड़ से खत्म करने के लिए रोबोटिक सर्जरी कैंसर के मरीजों के एक वरदान की तरह है। उन्होंने बताया कि रोबोट की मदद से रोगी के शरीर में डाले गए एक विशेष कैमरे के माध्यम से ऑपरेटिव एरिया का 3डी व्यू देखकर कर उसको पूरी तरह से तंदरूस्त किया जा सकता है।

डा. डढवाल ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी से स्वस्थ हुए 73 वर्षीय ऐसे मरीज का उदाहरण देते हुए बताया कि हाल ही डायबटिक व हाइपरटेंशन से ग्रस्त मरीज जो कि मूत्र असंयम, कमजोर मूत्र प्रवाह व नाटूरिया (रात भर मूत्र त्याग के लिए जागे रहने वाली स्थिति) के कारण एक चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा था। उन्होंने बताया कि रोगी अपनी इस समस्या केे लिए स्थानीय कई अस्पतालों में इलाज करवा चुका था। उन्होंने बताया कि फोर्टिस पहुंचने पर जांच करने पर पाया कि वह प्रोस्टेट कैंसर से पीडि़त था। उन्होंने बताया कि उसके टयूमन को हटाने के लिए रोबोट असिस्टेड रेडिकल प्रोस्टेटैक्टमी का इस्तेमाल किया गया। मामले पर चर्चा करते हुए डॉ डढ़वाल ने कहा कि प्रोस्टेट पुरुष प्रजनन ग्रंथि है और कभी-कभी बुजुर्ग पुरुषों में हार्मोनल परिवर्तन के कारण बढ़ जाती है। ये इज़ाफ़ा कभी-कभी कैंसर प्रकृति का हो सकता है। हालांकि, ग्रंथि को हटाया जा सकता है और कैंसर का इलाज किया जा सकता है अगर रोगों का जल्द पता चल जाए।